उत्तर प्रदेश की ATS यानि एंटी टेरेरिज्म स्कॉड ने मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को मेरठ से गिरफ्तार किया है. ATS ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मौलाना को हवाला के जरिए विदेश से फंडिंग हुई है.
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाते थे. वह अपना ट्रस्ट चलाने के साथ तमाम मदरसों को भी फंडिंग करते थे. मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अवैध तरीके से भेजी जाती थी. उमर गौतम और मुफ्ती काजी से उनके लिंक जुड़े होने के आरोप हैं. ये लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे. यूपी एटीएस के मुताबिक, मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए थे. उनके अकाउंट में कुल 3 करोड़ रुपये आए थे.
अभी तक की जांच के अनुसार मौलाना के ट्रस्ट के खाते में एकमुश्त 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए . अब तक की जांच से कुल 3 करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. बीती रात लगभग 9 बजे मौलाना कलीम सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश एटीएस ने मेरठ से गिरफ्तार किया है.प्रशांत कुमार, ADG, यूपी
विदेश से मिली 57 करोड़ की फंडिंग
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार किए गए थे. उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी. जिसके खर्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए. आगे बताया गया कि इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें से 6 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, 4 के खिलाफ जांच चल रही है.
भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित करने का आरोप
धर्मांतरण के लिए मौलाना कलीम का खुद के हाथों से लिखा साहित्य जिसका प्रिंट और ऑनलाइन कंटेंट भी मौजूद है, इन सबका प्रयोग किया जाता था. यह सब निशुल्क उपलब्ध है. मौलाना कलीम कहते थे कि शरियत के जरिए बनी न्याय व्यवस्था ही सबको न्याय दे सकती है.
यह सुनियोजित तरीके से संगठनात्मक रूप से किया जा रहा है. जिसमें देश के कई नामी लोग और संस्था शामिल हैं. प्रमाणित हुआ है कि यह भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित है. गैर मुस्लिमों को गुमराह करके, डराकर धर्मांतरित करते हैं.प्रशांत कुमार, ADG, यूपी
प्रशांत कुमार ने बताया कि "जांच में तथ्य प्रकाश में आए कि मौलाना कलीम सिद्दिकी अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त हैं और विभिन्न प्रकार की शौक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में यह देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त की जा रही है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)