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बदायूं गैंगरेप: पुलिस ने पहले बताया हादसा, 48 घंटे बाद पोस्टमार्टम

गैंगेरेप और हत्या के बाद पुलिस ने मामले को हादसा बताने की कोशिश की

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भारत
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उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जिसमें एक 50 साल की महिला के साथ पहले गैंगरेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. लेकिन अब इस पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बताया गया है कि थानाध्यक्ष ने मामले को पूरी तरह से एक्सीडेंट बताने की पूरी कोशिश की थी और कहा कि महिला की मौत कुएं में गिरने से हुई है. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर एसएचओ साहब की पोल खुल गई.

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पुलिस पर कई गंभीर आरोप

दरअसल मामला बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र का है, जहां पर 50 साल की महिला को कुछ लोग लहूलुहान हालत में उसके घर के बाहर फेंककर चले गए. लेकिन जब पुलिस के पास मामला गया तो इसे दबाने की पूरी कोशिश की गई. पुलिस पर कई गंभीर आरोप हैं. जिनमें एक ये भी है कि 4 जनवरी को आंगनबाड़ी सहायिका के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, घटना के करीब 48 घंटे बाद 5 जनवरी को पोस्टमार्टम हुआ.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पता चला कि महिला के प्राइवेट पार्ट में चोट आई थी, साथ ही शरीर पर भी घाव के निशान पाए गए. जिसके बाद इस मामले में थानाध्यक्ष उघैती राघवेंद्र प्रताप सिंह को एसएसपी संकल्प शर्मा ने सस्पेंड कर दिया है. मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन मुख्य आरोपी पुजारी अब तक फरार चल रहा है.
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क्या है पूरा मामला?

फिलहाल पुलिस कई टीमें बनाकर मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी हुई है. दरअसल 3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी. इस दौरान मंदिर में मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इन्होंने न सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि महिला के साथ हैवानियत भी की, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. इसके बाद इसी रात आरोपी अपनी गाड़ी से आंगनबाड़ी सहायिका की खून से लथपथ लाश उसके घर फेंक कर फरार हो गए.

मामला मीडिया में आने के बाद कार्रवाई

इस घटना के बाद परिजनों ने उघैती थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी, लेकिन पुलिस परिजनों को गुमराह कर कई घंटों तक थाने के चक्कर कटवाती रही. पुलिस ने पहले तो आंगनवाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या की घटना को झूठा बताया और कहा कि मौत कुएं में गिरने से हुई है. लेकिन आलाधिकारियों के संज्ञान में आने और मीडिया में इस केस के उठने के बाद पुलिस ने आंगनवाड़ी सहायिका के परिवार की तहरीर पर महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया.

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हरकत में आई यूपी सरकार

इस घटना को लेकर तमाम तरफ से घेरे जाने के बाद अब आखिरकार यूपी सरकार हरकत में आई है. सीएम योगी की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि यूपी एसटीएफ इस मामले की जांच करेगी. साथ ही कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. यूपी सीएम ऑफिस की तरफ से ये ट्वीट किए गए हैं.

योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच हो रही है, जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले को लेकर एक बार फिर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

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