यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा स्थिति समझनी है तो पहले ये जान लीजिए-
- यूपी के डीजी हेल्थ डॉ डीएस नेगी कोरोना वायरस संक्रमित हैं.
- पीजीआई लखनऊ, मेदांता लखनऊ के डायरेक्टर कोरोना वायरस संक्रमित हैं.
- इसी के साथ प्रदेश के तमाम हेल्थ वर्कर्स, डॉक्टर्स और दूसरे कोरोना वॉरियर्स इस महामारी की जद में हैं.
- 25 मार्च को जहां प्रदेश में कोरोना वायरस के 836 केस थे वो महज 10-12 दिन में बढ़कर 4 अप्रैल को 4164 केस हो गए हैं.
- प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. चुनाव मतलब सभा-प्रचार-लोगों की भीड़ जुटाने की कवायद भी.
- अब योगी सरकार की तरफ से लिए जा रहे हैं सख्ती के फैसले
5 अप्रैल को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि ये जो नया कोरोना वेव है ये लोगों की लापरवाही की वजह से भी है. लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है.
लखनऊ समेत यूपी के अलग-अलग जिलों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं. उसमें चाहे वो बस स्टैंड हो या सरकारी अस्पताल लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर लापरवाही दिख रही है. कोरोना वायरस की इस नई लहर में भी नेताओं की रैलियों और दूसरे सार्वजनिक कार्यक्रमों का भी इसमें अपना 'योगदान' रहा है.
नतीजा
अब इस तरह से कोरोना वायरस को 'हल्के' में लिया गया है तो केस भी हर दिन के साथ तेजी से बढ़ते गए. 20 मार्च को यूपी में जहां कोरोना वायरस के 442 मामले सामने आए थे. वो 1 अप्रैल को बढ़कर 2600 केस हो गए. 4 अप्रैल को प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4164 हो गई.
लखनऊ सबसे ज्यादा प्रभावित
यूपी के 75 जिलों में राजधानी लखनऊ कोरोना वायरस सबसे प्रभावित जिला है. यहां 20 मार्च को यूपी के कुल केस का करीब 26% , 115 केस सामने आए थे. 1 अप्रैल को यहां 935 मामले सामने आए थे जो पूरे यूपी के संक्रमण के मामलों का 35% है. 4 अप्रैल को लखनऊ में संक्रमितों का आंकड़ा 1129 रहा मतलब यूपी के कुल केस का 27 फीसदी.
लखनऊ के इस कदर बढ़ते केस को देखते हुए प्रशासन की तरफ से कुछ कार्रवाई भी की गई,साथ ही एसजीपीजीआई, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना ग्रस्त मरीजों के लिए बेडों की संख्या में इजाफे का निर्देश भी है.
यूपी में पिछले 10 दिनों के कोरोना वायरस केस का ब्योरा
सख्ती
बेकाबू हो रहे कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी करने के लिए योगी सरकार की तरफ से कई नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं-
- राज्य में किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम में एक समय में 100 से ज्यादा लोग मौजूद नहीं हो सकते.
- पंचायत चुनाव में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, सार्वजनिक सभा में 5 लोगों से ज्यादा इकट्ठा नहीं हो सकेंगा. अगर ऐसा होता है तो कार्रवाई होगी.
- किसी बंद जगह, हॉल या कमरे में क्षमता के 50 फीसदी और अधिकतम 100 लोगों को मंजूरी होगी. फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर की अनिवार्यता होगी.
- किसी खुले स्थान, मैदान में क्षमता के 50 फीसदी और अधिकतम 200 लोगों को मंजूरी होगी. फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर की अनिवार्यता होगी.
कंटेटमेंट जोन
- हर कोविड पॉजिटिव मामले को केंद्र मानते हुए 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा. 25 मीटर रेडियस में 20 घरों को माना जा रहा है.
- एक से अधिक मामले वाला कोई क्षेत्र है तो वहां 50 मीटर के रेडियस को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा.
- इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा. इलाके में सर्विलांस टीम जांच और सर्वे का काम करेगी.
- बहुमंजिला इमारत में एक मरीज मिलने की स्थिति में अपार्टमेंट की उस मंजिल को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा.
- एक से अधिक मरीज मिलने पर ग्रुप हाउसिंग का संबंधित ब्लॉक सील होगा.
- अब हर कंटेनमेंट जोन में 14 दिनों तक एक भी मरीज न मिलने पर ही कंटेनमेंट जोन खत्म होगा.
फोकस वैक्सीनेशन कैंपेन
सरकार ने 8 अप्रैल से फोकस वैक्सीनेशन का भी फैसला लिया है. ये 23 अप्रैल तक चलेगा.
- 8 और 9 अप्रैल को 45 साल से ऊपर के मीडियाकर्मियों, दुकानदारों कारोबारियों के लिए दिन तय है.
- 10 अप्रैल को बैंक इंश्योरेंस के कर्मचारियों के लिए तय है.
- 12-13-14 अप्रैल को स्कूल-कॉलेज में टीचरों के लिए तय है
- 15-16 को बस-ऑटो-रिक्शा ड्राइवर, रेहड़ी और पटरी दुकानदारों के लिए तय है
- 17 और 19 अप्रैल को सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए तय है.
- 20 और 21 अप्रैल को एडवोकेट और ज्यूडिशियल कर्मचारियों के लिए है.
- 22 और 23 अप्रैल को प्राइवेट कार्यालयों के अधिकारी और निजी कर्मचारियों के लिए तय है.
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