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''योगी जी, मेरे बच्चे का क्या होगा? आपके प्रशासन ने पति की हत्या कर दी''

गोरखपुर पुलिस की तरफ से फिलहाल युवक की मौत को गिरने से हुई एक दुर्घटना बताया जा रहा है

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वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यहां रामगढ़ताल पुलिस पर दिल्ली, कानपुर और हरियाणा के गुड़गांव से गोरखपुर घूमने आए तीन दोस्तों में से एक को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगा है. आरोप के मुताबिक युवक के सिर्फ इतना पूछने पर कि इतनी देर रात चेकिंग का ये क्या तरीका है, पुलिस ने मारपीट शुरू कर दी.

इस मामले को पुलिस ने दुर्घटना बताया है, लेकिन लापरवाही के नाम पर 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की बात कही है.

आरोप है कि इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार मिश्रा ने तीन में से दो युवकों को पहले पीटते हुए बाहर कर दिया, इसके बाद होटल का कमरा बंद कर तीसरे युवक को इतना पीटा कि वो बुरी तरह घायल हो गया. जिसके बाद अस्पताल पहुंचने के बाद उसने दम तोड़ दिया.

दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि, वो बिजनेस करते हैं. उनके तीन दोस्त गुड़गांव से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे. चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं.

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बातचीत के दौरान तीनों दोस्तों ने गोरखपुर घूमने की प्लानिंग बनाई. सोमवार को तीनों अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने और घूमने गोरखपुर पहुंच गए. चंदन ने दोस्तों को रामगढ़ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के समीप स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था.

देर रात 12.30 बजे होटल में घुसी पुलिस

आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची. इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी. होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया. पुलिस के साथ होटल का रिशेप्शनिस्ट भी था. पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है.सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ.

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तीनों में से हरदीप ने खुद का और अपने साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी. इस दौरान मनीष सो रहे थे. प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया. इतने पर प्रदीप ने कहा कि, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है .हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं. आरोप है कि इतने पर ही पुलिस ने थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. दोनों युवकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी. आरोप है कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने उन्हें थप्पड़ मारे.

पुलिस वाले हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए. कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए,वह खून से लथपथ था. इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए.जहां उसकी मौत हो गई.
हरदीप सिंह चौहान
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युवकों ने बताया कि जब पुलिस वाले दोबारा आए थे ​तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी. चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है. मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. 5 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है. मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है.

मृतक की पत्नी ने मांगा इंसाफ

मनीष गुप्ता की पत्नी का इस घटना के बाद रो- रोकर बुरा हाल है. उनका आरोप है कि पुलिस वालों ने उनके पति के साथ मारपीट की और उनके मुंह से खून निकल रहा था. उन्होंने कहा,

मेरे पति की हत्या योगी और मोदी जी के प्रशासन ने की है. अब मैं उन दोनों से पूछना चाहती हूं कि मेरे चार साल के बच्चे को कौन देखेगा?
मीनाक्षी गुप्ता, मनीष गुप्ता की पत्नी
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इस घटना को लेकर एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई है, जिसमें मनीष गुप्ता ने अपने भांजे को मदद के लिए फोन किया था. इस ऑडियो में गुप्ता अपने भांजे को बता रहे हैं कि पुलिस उन्हें कैसे परेशान कर रही है. जिसमें उनका भतीजा पूछ रहा है कि कौन से थाने से है... तभी आवाज तेज आने लगती है, गुप्ता कहते हैं कि अब मामला बिगड़ रहा है. इस बीच उनका भांजा उनसे कहता है कि, आप चिंता मत कीजिए मैं डीएसपी से बात करता हूं.

पुलिस ने दी अलग थ्योरी, मारपीट पर कोई जवाब नहीं

इस मामले में पुलिस ने अब एक अलग थ्योरी दी है. साथ ही मनीष की मौत को भी एक दुर्घटना की तरह बताया गया है. गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताड़ा ने इस मामले को लेकर कहा कि,

"रामगढ़ ताल पुलिस एक होटल पर जाकर चेकिंग कर रही थी, यहां तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहरों से आकर ठहरे थे. इसी दौरान एक युवक की हड़बड़ाहट में एक युवक की कमरे में गरने से चोट लग गई. दुर्घटनावश हुई इस घटना के बाद पुलिस इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई. किस कारण युवक गोरखपुर में ठहरा था और किसके साथ यह रह रहा था इसकी जांच चल रही है, आगे पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी."

घटना के सोशल मीडिया पर वायरल होने और गंभीर आरोपों के चलते पुलिस की आलोचना के बाद यूपी पुलिस की तरफ से बताया गया कि, फिलहाल 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. आगे की जांच जारी है.

(इनपुट - गौरव मिश्रा)

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