हर साल की तरह इस बार भी प्रदूषण (Pollution) को लेकर सरकारें बड़े दावे कर रही है. ब्लेम गेम भी शुरू हो चुका है, दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाती है, वहीं पड़ोसी राज्य भी कभी इसे स्वीकार नहीं करते हैं. अब यूपी सरकार की तरफ से पाकिस्तान को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सख्त टिप्पणी की गई है.
यूपी सरकार के वकील ने दिए तर्क
यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि प्रदेश की इंडस्ट्रीज का प्रदूषण फैलाने में कोई रोल नहीं है, पाकिस्तान की तरफ से आने वाले धुएं और प्रदूषित हवा के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है. यूपी सरकार के इस तर्क पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने कहा कि, तो क्या आप पाकिस्तान में चल रही इंडस्ट्रीज को बैन करवाना चाहते हैं?
यूपी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट रंजीत कुमार पेश हुए थे, उन्होंने तर्क देते हुए बताया कि यूपी की तरफ से हवा का रुख राजधानी दिल्ली की दिशा में नहीं है. प्रदेश खुद हवा के बहाव वाले क्षेत्र में है. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि इंडस्ट्रीज के लिए 8 घंटे का विंडो गन्ना और दूध उद्योग पर असर डाल रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए टास्क फोर्स कमेटी के सामने अर्जी पेश करें.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण को लेकर काफी सख्त है और लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. दिल्ली सरकार को कोर्ट की तरफ से पूछा गया था कि 24 घंटे में क्या कदम उठाए गए हैं. इसकी जानकारी मिलने के बाद हॉस्पिटलों में चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क को इजाजत दी गई.
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