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UP विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश-ये है मां-बेटी की पूरी कहानी

UP विधानसभा के सामने पहुंचकर मां-बेटी ने की आत्मदाह की कोशिश

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने एक मां-बेटी ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की. लेकिन तब तक दोनों खुद को आग लगा चुकीं थीं. बताया गया है कि दोनों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि दोनों मां-बेटी को पहले कुछ लोगों ने पीटा और उसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय उल्टा उस मां और बेटी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.

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आईजी को दी गई एक शिकायत में ये सब बातें लिखी गई हैं. जिनमें बताया गया है कि गुड़िया अमेठी की मूल निवासी है. उसने मई में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. जब नाली विवाद को लेकर उसकी मां को कुछ लोगों ने लात-घूसों और डंडों से मार रहे थे तो गुड़िया मां को बचाने के लिए दौड़ी. इसके बाद आरोपियों ने उसे भी मारना शुरू कर दिया.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने उसके कपड़े भी फाड़ दिए और छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया. इसके बाद वो लोग वहां से भाग गए और पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद थाने में जाकर एफआईआर दर्ज की गई.

पुलिस पर भी गंभीर आरोप

इसके बाद बताया गया है कि थाने में ही कुछ दबंगों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया कि मामला दर्ज ना किया जाए. ऐसा नहीं करने पर वो उसी शाम को गुड़िया को उठाकर ले गए और मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाने की कोशिश की. लेकिन किसी तरह वो अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकली. इसके बाद पूरा परिवार घर छोड़कर बाहर रहने लगा. शिकायत में बताया गया है कि राजनीतिक दबाव में आकर दरोगा ने गुड़िया के खिलाफ उल्टी एफआईआर दर्ज कर ली. साथ ही ये आरोप भी लगाया गया है कि अज्ञात शख्स और दरोगा की तरफ से समझौता नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है.

बताया गया है कि इस पूरी घटना पर जब किसी ने भी सुनवाई नहीं की तो तंग आकर मां और बेटी ने यूपी विधानसभा के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. उनकी एक रिश्तेदार ने बताया कि मां-बेटी ने हर जगह शिकायत की, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्हें कहा जा रहा था कि कई साल के लिए तुम्हें जेल भेज देंगे.

पुलिस का अजीबो गरीब तर्क

इस मामले को लेकर जामो, अमेठी के डीएसपी ने कहा कि ये पूरा मामला नाली के विवाद को लेकर है. उन्होंने कहा कि महिला ने कोर्ट में भी जबरन बयान देने की बात नहीं कही है. मां-बेटी के आत्मदाह को लेकर डीएसपी ने तर्क दिया कि उन्हें लग रहा है उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. वो यही मांग कर रही थीं कि हमारे खिलाफ दायर मुकदमा वापस लिया जाए, लेकिन जब दूसरे पक्ष को चोट आई है तो वापस कैसे ले सकते हैं. डीएसपी ने बताया कि इनके भतीजे ने दूसरे पक्ष के साथ मारपीट की है. हालांकि उन्होंने इसके सबूतों को लेकर कुछ साफ जानकारी नहीं दी.

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