उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) खिलाफ कार्रवाई कर रही है. हाल ही में पीएफआई के गतिविधियों को लेकर यूपी पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि राज्य में सीएए के विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल था. अब इसी मामले में यूपी पुलिस ने तीन पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस ने तीन पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
हाल ही में पीएफआई पर आरोप लगा है कि वह सीएए के विरोध प्रदर्शनों के लिए करोड़ों की फंडिंग का काम कर रहा है.
ईडी खंगाल रही है पीएफआई के बैंक खाते
ईडी करीब 75 बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिनका उपयोग कथित रूप से यूपी में पीएफआई ने फंडिंग करने के लिए किया है. ईडी के एक सूत्र ने दावा किया, "हम पीएफआई के सदस्यों और उनके समर्थकों के खातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान निकासी की गई है.
पीएफआई सदस्यों से हुई पूछताछ
ईडी ने 29 जनवरी को पीएफआई और आरएफआई के दो सदस्यों से पूछताछ की. ईडी अधिकारियों के अनुसार, पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद और आरएफआई के शाहिद अबू बक्र दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट क्षेत्र में वित्तीय जांच एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए.
ईडी ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट में सूचित किया है कि पीएफआई और आरएफआई ने अपने 73 बैंक खातों के माध्यम से देश भर में सीएए और एनआरसी के विरोध का समर्थन करने के लिए 120 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की है.
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