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UP के सोनभद्र में मिला सोने का भंडार,3 हजार टन सोना होने का अनुमान

हवाई सर्वे के जरिए यूरेनियम होने का भी पता लगाया जा रहा है

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले सोनभद्र में सोने का एक बड़ा भंडार मिला है. यहां पर करीब 3 हजार टन सोना मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिस पहाड़ी में सोना मिला है उसका रकबा 108 हेक्टेयर बताया जा रहा है. अब ई-टेंडरिंग से इसकी नीलामी का आदेश भी जारी कर दिया गया है. भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की.

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इससे पहले, खनिज स्थलों की जियो टैगिंग के लिए सात सदस्यीय टीम गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट 22 फरवरी तक खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंपी जाएगी. सोनभद्र के जिला खनन अधिकारी केके राय ने कहा कि भूतत्व और खनिकर्म विभाग और जियोलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम इस कार्य में लगी हुई है. उन्होंने बताया,

2005 के बाद इस पर काम शुरू किया गया. रिपोर्ट अभी इसी साल मिली है. इसमें करीब 3 हजार टन सोना मिलने का अनुमान है. सोने की मौजूदा कीमत के हिसाब से इतने सोने का मूल्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये होगा.

अब जीएसआई खदान के इलाके का हवाई सर्वेक्षण करा रही है. इसके लिए 2 हेलीकप्टर तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसका आकलन किया जा रहा है कि कितनी राजस्व की भूमि है और कितनी वन विभाग की है, ताकि खनन के लिए वन विभाग से इजाजत की प्रक्रिया शुरू हो सके.

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यूरेनियम होने की भी संभावना

उधर सरकार ने इन खदानों को लीज पर देने की प्रक्रिया में भी तेजी ला दी है. इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व जियो टैगिंग की कार्रवाई शुरू की गई है. सीमांकन का कार्य पूरा होते ही ई टेंडरिंग किया जाएगा, जिस पहाड़ी में सोना मिला है उसका रकबा 108 हेक्टेयर बताया जा रहा है. इसके अलावा भी क्षेत्र की पहाड़ियों में तमाम कीमती खनिज संपदा होने की बात भी चर्चा में है. बताया जा रहा कि हवाई सर्वे के माध्यम से यूरेनियम होने का भी पता लगाया जा रहा है. इसकी प्रबल संभावना बताई जा रही है.

जिले के कई भू-भागों में हेलिकप्टर से भू-भौतिकीय सर्वे जारी है. इस सर्वेक्षण में विद्युती चुम्बकीय एवं स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है. इन उपकरणों का कुछ भाग हेलिकप्टर के नीचे लटका रहता है जो कि जमीन की सतह से 60-80 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सर्वेक्षण करता है. सोनभद्र डीएम एन राजलिंगम ने कहा कि इन हेलिकाप्टर में कुछ उपकरण नीचे लटके होते हैं, उन्हें देखकर लोग डरे नहीं, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.

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