उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही ये भी कहा है कि फैसले को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है.
“हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. बोर्ड के पास इसे चुनौती देने की कोई योजना नहीं है. फिलहाल, फैसले का अच्छी तरह से अध्य्यन किया जा रहा है, इसके बाद बोर्ड एक बयान जारी करेगा.”जफर अहमद फारूकी, चेयरमैन, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड
फारूकी ने अपनी बात पर जोर देकर कहा कि अगर कोई वकील या कोई दूसरा शख्स कहता है कि इस फैसले को बोर्ड चुनौती देगा तो इसे नहीं माना जाना चाहिए.
जफरयाब जिलानी ने क्या कहा था?
दरअसल, अयोध्या विवाद पर आए फैसले के तुरंत बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. अब यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी के बयान के बाद जफरयाब जिलानी ने कहा कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से आयोजित की गई थी. जिलानी ने कहा कि उन्होंने ये बयान AIMPLB के सेक्रेटरी के तौर पर कही, सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील के तौर पर नहीं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि विवादित जमीन हिंदुओं को दी जाए. इसके साथ ही उसने कहा है कि केंद्र 3 महीने के अंदर योजना बनाए और मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे, मुस्लिमों (सुन्नी वक्फ बोर्ड) को मस्जिद के लिए दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए. अयोध्या मामले पर सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान बेंच ने फैसला सुनाया है.
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