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मजदूरों के लिए 1000 बसों का ऑफर: कांग्रेस-यूपी सरकार में तकरार

प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को योगी सरकार से उन बसों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया था.

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राजस्थान से प्रवासी मजदूरों को यूपी लाए जाने को लेकर प्रियंका गांधी समेत यूपी कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच पिछले कुछ दिनों से वाद-विवाद चल रहा है. प्रियंका गांधी का कहना है कि वो मजदूरों को वापस यूपी भेजने के लिए 1000 हजार बसों का इंतजाम कर चुकी हैं लेकिन यूपी सरकार उन्हें मंजूरी नहीं दे रही है. अब कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया है कि सीएम योगी ने अब जाकर 1000 बसों की लिस्ट मांगी है.

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यूपी कांग्रेस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि, “योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे. कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की. खैर हम तो बस लेकर खड़े थे. यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया.”

यूपी सरकार ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी से पूछे सवाल

उधर, दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की तरफ से की जा रही मांग को ड्रामा बता दिया है. साथ ही कई तरह के सवाल भी पूछ लिए हैं. जो सवाल ऐसे हैं-

  • जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल क्यों भेज रहे हैं?
  • औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है. एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था. प्रियंका जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी ? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?
  • प्रियंका गांधीजी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं. यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की. बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें.
  • देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है.
  • अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?

इससे पहले क्या-क्या हुआ?

कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि लगभग 980 बसें भरतपुर, अलवर और राजस्थान के अन्य हिस्सों को वापस लौट गईं, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी.

यूपी कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा,

“पिछले तीन दिनों से, प्रियंका गांधी जी राज्य में बसों की अनुमति देने के लिए उप्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिख रही हैं, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई और 12 घंटे बाद बसों को वापस लौटना पड़ा.”
जितिन प्रसाद

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को योगी सरकार से उन बसों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया था, जो सीमा पर पहुंच गई हैं और अब फंसी हुई हैं. उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री से एक वीडियो के जरिए अपील जारी की थी. अनुमति नहीं मिले पर उन्होंने लिखा-

प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है. यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती. यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती.कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को उप्र बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी. विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इनकार है.
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गोवर्धन सीमा पर पहुंची थीं 400 बसें

लगभग 400 बसें बहाज गोवर्धन सीमा पर पहुंच गई थीं और कहा जा रहा है कि बसों में प्रवासी मजदूर हैं. प्रियंका गांधी ने राजस्थान के अलवर और भरतपुर से प्रवासियों को ले जाने के लिए 500 बसों की व्यवस्था की है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इन्हें यूपी सरकार से राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली.

शनिवार को प्रियंका गांधी ने औरैया में हुई दुर्घटना के बाद प्रवासियों के लिए 1000 बसों को अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा था. इस हादसे में 24 लोगों की जान चली गई थी. पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ऐसे समय में इन चार्टर्ड बसों का खर्च वहन करेगी, जब प्रवासियों को सुरक्षित घर लौटने में मुश्किल हो रही है.

प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ को पत्र में कहा, "देश के विभिन्न हिस्सों से चलते हुए लाखों श्रमिक अपने घरों को वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं और उनके लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं. हम गाजीपुर और नोएडा की सीमाओं से 500-500 बसों का संचालन करना चाहते हैं."

उन्होंने कहा कि "राष्ट्र निर्माता को ऐसे समय में अकेले जूझने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है."

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