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"मंदिर तोड़ेंगे- नॉनवेज ले आएंगे", 7 साल के मुस्लिम बच्चे पर भड़के प्रिंसिपल, मां ने क्या बताया?

मां ने पुलिस से शिकायत की है, तो दूसरी तरफ जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी जांच के लिए एक समिति गठित की है.

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"ऐसे संस्कार वाले बच्चे को हमें नहीं पढ़ाना. जो हमारे मंदिरों को तोड़ेंगे और नॉनवेज लेकर आएंगे. आपने कई बार नॉनवेज भेजा है. बच्चा आपका कह रहा है कि मैं नॉनवेज लेकर आता हूं."

ये बातें किसी आम आदमी की नहीं, बल्कि एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहीं हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा (Amroha) में प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल ने टिफिन में नॉनवेज लाने के आरोप में तीसरी क्लास के एक मुस्लिम छात्र को कथित तौर पर स्कूल से सस्पेंड कर दिया.

3 सितंबर को स्कूल के प्रिंसिपल का एक वीडियो वायरल होता है. क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त वीडियो में प्रिंसिपल बच्चे पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं, "ये आपका बच्चा कहता है कि मैं सबको नॉनवेज खिलाकर मुसलमान बनाऊंगा." वीडियो में बच्चे की मां भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहती हैं, "तीन महीने से मेरा बच्चा शिकायत कर रहा है कि बच्चे हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम करते हैं."

इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. एक तरफ बच्चे की मां ने पुलिस से शिकायत की है, तो दूसरी तरफ जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी जांच के लिए एक समिति गठित की है.

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"क्लास में बैठने नहीं दिया, मारा और वीडियो बनाया"

क्विंट हिंदी से बातचीत में छात्र की मां ने बताया कि 2 सितंबर को उन्हें स्कूल से एक कॉल आया था. लेकिन जब वो स्कूल पहुंचीं तो किसी ने उनसे बात नहीं की. उनका आरोप है कि जिस टीचर ने उन्हें कॉल किया था, वो न तो मिलीं और न ही स्कूल के प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने उनसे कोई बात की.

उन्होंने आगे कहा,

"स्कूल की छुट्टी होने पर सभी बच्चे निकले, लेकिन मेरा बच्चा नहीं आया. बाद में जब मेरा बच्चा आया तो मैंने पूछा कि क्या हुआ तो वो रोने लगा और डरते हुए बताया कि 'सर ने मुझे पूरे दिन रूम में बंद कर दिया था. मुझे क्लास में भी बैठने नहीं दिया और मुझे मारा भी और वीडियो भी बनाया'."

अपने बच्चे के हवाले से उन्होंने बताया, "वीडियो में सर ने इनसे कहलवाया है कि तुम स्कूल को बम से उड़ाना चाहते हो. हालांकि, उसने इन सब बातों से इनकार कर दिया है."

बता दें कि इस मामले में प्रिंसिपल का एक और वीडियो सामने आया है. ये वीडियो 2 सितंबर का है. क्विंट हिंदी के पास मौजूद वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल 7 वर्षीय छात्र के साथ क्लास रूम में खड़े हैं और अन्य छात्रों से उसके बारे में पूछ रहे हैं.

6 मिनट से ज्यादा के इस वीडियो में प्रिंसिपल क्लास के दूसरे छात्रों और मौजूद टीचर से पूछते हैं, "ये डिसिप्लिन में रहते हैं या इनडिसिप्लिन में?" जिसपर सभी बच्चे एक सुर में कहते हैं, "इनडिसिप्लिन में."

वीडियो में अन्य छात्र, उक्त बच्चे पर आरोप लगाते हैं कि वो "राम मंदिर तोड़ने से लेकर स्कूल को बम से उड़ाने की बात कहता है." इसके साथ ही क्लास के अन्य बच्चे उस पर "नॉनवेज खिलाकर मुस्लिम बनाने का भी आरोप लगाते हैं." इस दौरान बच्चा रोते हुए, सफाई देने की कोशिश करता है, लेकिन प्रिंसिपल डपट देते हैं.

क्लास में मौजूद टीचर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि मंदिर को लेकर बच्चे का रिएक्शन सही नहीं होता है.

वीडियो में आगे प्रिंसिपल लगातार बच्चे से पूछते हैं कि वो किससे ये सब बातें सीख रहा है. डरा-सहमा छात्र कहता है कि उसे हिंदू-मुस्लिम के बारे में पता नहीं था. इसके साथ ही वो कहता है कि उसने दूसरी क्लास में ये बात कही थी. फिर कई बार पूछे जाने पर वो कहता है कि उसने 13 अगस्त को ये बात कही थी.

वहीं क्विंट हिंदी से बातचीत में स्कूल के प्रिंसिपल अवनीश शर्मा ने कहा, "शनिवार को PTM के दौरान 10-12 अभिभावक मेरे पास उस बच्चे की शिकायत लेकर आए थे. सोमवार को मैंने क्लासरूम में जाकर इसको कंफर्म किया. सभी बच्चों ने एक सुर में इसकी पुष्टि की. मुस्लिम बच्चों ने भी यही बातें कहीं."

प्रिंसिपल के मुताबिक, मामले में पुलिस ने अभिभावकों के बयान दर्ज किए हैं.

प्रिंसिपल और छात्र की मां के बीच नोक-झोंक

छात्र की मां साबरा ने बताया कि वो 3 सितंबर को प्रिंसिपल से मिलने दोबारा स्कूल गई थीं. उनका आरोप है कि जब उन्होंने प्रिंसिपल से बात करनी चाही तो उन्होंने मना कर दिया.

उस दिन की बात बताते हुए वो कहती हैं, "वो (प्रिंसिपल) आए, हमने बात करनी चाही, लेकिन हमसे बात नहीं की और अपने ऑफिस में बैठ गए. इसके बाद मैं सीधे उनके ऑफिस में गई और पूछा कि आपने मुझे क्यों बुलाया और क्यों मुझसे कहा कि आप 11 बजे आना, बहुत जरूरी बात करनी है और अब क्यों नहीं बात कर रहे?"

साबरा आगे बताती हैं कि प्रिंसिपल ने उनसे बात करने से मना कर दिया और कहा कि "मैं महिलाओं से बात नहीं करता हूं."

हालांकि, साबरा ने प्रिंसिपल से हुई मुलाकात का एक वीडियो बना लिया. इस वीडियो में प्रिंसिपल छात्र और उसकी मां पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं.

वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल और साबरा में नोक-झोंक हो रही है.

वीडियो में प्रिंसिपल कह रहे हैं, "हम आपके बच्चे को नहीं पढ़ाएंगे. काट दिया नाम. नाम काट दिया. अब आप इनको (छात्र) घर लेकर जाइए. कैसे नहीं लेकर जाएंगे आप. जबरदस्ती है क्या आपकी जो पढ़ा लेंगे यहां."

"नाम नहीं काटा है"

क्विंट हिंदी ने जब स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा कि क्या वे वीडियो में कही अपनी बातों पर कायम हैं तो उन्होंने कहा कि वो बातें उन्होंने गुस्से में कही थी.

उन्होंने आगे कहा, "जब वो (छात्र की मां) रिस्पेशन पर आईं थी तो उन्होंने कहा था कि 'मेरा बच्चा नॉनवेज लेकर आएगा, स्कूल रोककर दिखाए', इस बात से हम हाइपर हो गए थे और अपने ऑफिस में आ गए. मैंने कहा कि फिर ऐसे में मैडम आप अपने बच्चे को कहीं और पढ़ा लीजिएगा. हम तो नहीं पढ़ा पाएंगे."

नाम काटने के सवाल पर कहा कि अभी नाम नहीं काटा है. पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग में इसपर फैसला होगा उसके बाद एक्शन लिया जाएगा.
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"मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री तक की शिकायत"

खुद नर्सिंग की पढ़ाई कर रहीं साबरा अपने बच्चे को टिफिन में नॉनवेज खाना देने के आरोपों से इनकार करती हैं. वो कहती हैं, "बच्चे की लंच की जिम्मेदारी हमारी होती है. हमने आज तक ये चीज इनको नहीं दी है. बच्चे के कहने पर सोयाबीन की बिरयानी जरूर बनाकर दी थी."

इसके साथ ही वो दावा करते हुए कहती हैं कि "प्रिंसिपल या शिक्षकों, किसी ने बच्चे की टिफिन नहीं देखी और बस किसी दूसरे बच्चे की बात पर इसको मुद्दा बना रहे हैं. इन्होंने न कोई जांच करवाई है और न ही इनके पास कोई सबूत है कि बच्चे के टिफिन में नॉनवेज था."

साबरा बताती हैं कि उन्होंने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री सहित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है.

एसपी को दिए लिखित शिकायत में बच्चे की मां ने क्लास टीचर पर मारपीट करने और बंधक बनाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने बच्चे को टॉर्चर करने और वीडियो बनाने का भी आरोप लगाया है.

वहीं बच्चे की मां के आरोपों को प्रिंसिपल ने झूठ करार देते हुए कहा, "वो बहुत झूठ बोल रही हैं. नितांत झूठ है. यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. न बच्चे को मारा न पीटा."

छात्र को कमरे में बंद करने के आरोपों पर प्रिंसिपल ने कहा कि "कमरे में बंद कैसे होता है. सीसीटीवी फुटेज नहीं है क्या हमारे पास. सच्चाई नहीं है. उसे कैसे छिपा लोगे. अगर कैमरे नहीं होते तो मान लेते कि वो सच्च बोल रही हैं. सब चीज की जांच हो चुकी है. सारे बयान हो चुके हैं."

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चे को किसी रूम में बंद नहीं किया गया था, बल्कि उसे कंप्यूटर लैब में बैठाया गया था.

मुस्लिम कमेटी ने इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाम उपजिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा है. जिसमें कमेटी ने स्कूल की मान्यता रद्द करने, प्रिंसिपल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

अमरोहा जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.

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