'मोदीकेयर' के नाम से चर्चित 'आयुष्मान भारत' योजना के बारे में एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, योजना का लाभ उठाने में उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे पीछे हैं. मतलब, देश की लगभग 30 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इन दोनों राज्यों की हिस्सेदारी इसमें न के बराबर है.
'हिंदुस्तान' की रिपोर्ट के मुताबिक, आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने में तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सबसे आगे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड सबसे पीछे हैं.
आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में खर्च हुई कुल राशि का करीब 50% इस्तेमाल तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में हुआ है. वहीं यूपी-बिहार इसका लाभ उठाने में पिछड़ गए हैं.
झारखंड की स्थिति में सुधार
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत सितंबर 2019 तक कुल 7581 करोड़ रुपये गरीबों के मुफ्त इलाज पर खर्च हुए. इनमें सर्वाधिक खर्च तमिलनाडु में हुए. गुजरात दूसरे और आंध्र प्रदेश तीसरे नंबर पर रहा. यूपी समेत बिहार में भी गरीब मरीजों के इलाज पर नाममात्र खर्च हुए.
हालांकि राज्यों में झारखंड की स्थिति बेहतर है. यूपी-बिहार से भी ज्यादा गरीबों को निशुल्क इलाज अकेले झारखंड में मिला. बता दें कि योजना के तहत गरीबों का पांच लाख तक का इलाज मुफ्त होता है.
क्या है आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना (ABY) 25 सितंबर से शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों या 50 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है.
ABY को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है. यह वास्तव में देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है.
अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू किये गए स्वास्थ्य सुरक्षा योजना 'ओबामाकेयर' की तर्ज पर इसे 'मोदीकेयर' भी कहा जाता है.
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