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आजमगढ़ में फिलिस्तानी झंडा लगाने की फेसबुक अपील पर गिरफ्तारी

क्या फिलिस्तान का झंडा लगाने की अपील पर जेल हो सकता है?

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने आजमगढ़ के एक शख्स को फिलिस्तीन के समर्थन में घरों पर झंडा लगाने की अपील वाले फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया है. हालांकि आजमगढ़ के सरायमीर मुहल्ले के रहने वाले यासिर अख्तर के परिवार का कहना है कि फेसबुक पोस्ट भारत के लिए नहीं बल्कि गाजा की एक खबर थी.

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गिरफ्तार शख्स का नाम यासिर अख्तर है. यासिर कई सालों से फेसबुक पर आजमगढ़ एक्स्प्रेस और सरायमीर एक्स्प्रेस नाम से एक फेसबुक पेज चलाते हैं.

क्यों हुई यासिर की गिरफ्तारी?

यासिर के छोटे भाई शाहिद ने क्विंट से बात करते हुए बताया,

“19 मई को रात में Azamgarh express के फेसबुक पेज पर यासिर भाई ने फिलिस्तीन की खबर लगाते हुए लिखा था कि ‘शुक्रवार को जुमा बाद घरों पर और गाड़ी पर फिलिस्तीनी झंडा लहराने की अपील.’ फिर वो सो गए, जब सुबह उठे तो उन्होंने लोगों के कमेंट पढ़ें, जिसके बाद उन्होंने देखा कि उनके पोस्ट में ‘गाजा’ शब्द छूट गया था, जिस वजह से लोग उनके पोस्ट का गलत मतलब निकाल रहे हैं. उन्होंने तुरंत ही अपने पोस्ट को एडिट करते हुए लिखा कि गाजा में शुक्रवार को जुमा बाद घर घर पर और गाड़ी पर फिलिस्तीनी झंडा लहराने की अपील.”

शाहिद बताते हैं तब तक किसी ने पुलिस में शिकायत कर दी थी, जिसके बाद सुबह 10 बजे के करीब पुलिस आई और उन्हें थाने बुलाया. थाने पर जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

क्या फिलिस्तान का झंडा लगाने की अपील पर जेल हो सकता है?
फेसबुक पोस्ट, जिसे बाद में एडिट किया गया
(फोटो: स्क्रीनशॉट

गिरफ्तारी पर पुलिस ने क्या कहा?

आजमगढ़ पुलिस ने इस मामले पर अपना बयान जारी किया है. एसपी आजमगढ़ ने लिखा है,

“थाना सरायमीर, घरों एवं गाड़ी पर फिलिस्तीनी झंडा लहराने की अपील करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया सेल की सतर्कता से गिरफ्तार. दिनांक 20.05.2021 को सोशल मीडिया पर “सरायमीर एक्सप्रेस” नामक फेसबुक पेज संचालनकर्ता द्वारा फिलिस्तीन का झण्डा फहराते हुए ‘शुक्रवार को जुमा बाद घर पर और गाड़ी पर फलस्तीनी झण्डा लहराने की अपील’ की अपील पोस्ट की गई. जिसपर जनपदीय सोशल मीडिया सेल द्वारा तत्काल उक्त पोस्ट को रिपोर्ट करते हुए पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ महोदय को अवगत कराया गया. जिसपर पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ सुधीर कुमार सिंह द्वारा सर्विलांस और थाना प्रभारी सरायमीर को निर्देशित किया गया. इसी क्रम में फेसबुक पेज संचालन यासिर अख्तर पुत्र रायलऐन निवासी उत्तरी चुड़िहार कस्बा, थाना सरायमीर जनपद आजमगढ़ को गिरफ्तार कर चालान किया गया. जिसके संबंध मे थाना स्थानीय पर एफआईआर संख्या 73/21 धारा 505(2) दर्ज किया गया है.”
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शाहिद कहते हैं कि हमारा घर थाने से बिल्कुल नजदीक है और इतने सालों से फेसबुक पेज चला रहे हैं, कभी ऐसी कोई बात नहीं हुई.

शाहिद कहते हैं, “जब यासिर भाई ने एक और फेसबुक पोस्ट कर ये साफ कर दिया था कि फेसबुक पर लिखी बात भारत के लिए नहीं बल्कि गाजा के लिए थी, फिर गिरफ्तारी का मतलब नहीं बनता है.”

यासिर के दोस्त और समाजिक कार्यकर्ता आसिफ कहते हैं कि यासिर ने अपने पोस्ट में कभी ये बात नहीं लिखी की भारत में लोग झंडा लगाएं. आसिफ आगे कहते हैं,

ये जो हो रहा वो सीधे-सीधे एक दबाव बनाने की कोशिश है. यासिर ने किसी भी तरह का अपशब्द नहीं कहा, अपने देश के खिलाफ कोई बात नहीं कही. न ही वो वैसे इंसान हैं. फिर इस तरह एक शरीफ इंसान की गिरफ्तारी का क्या मतलब है?

बता दें कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत यासिर के खिलाफ एफआईर दर्ज किया है.

आईपीसी की धारा 505 (2) के मुताबिक, “सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान. वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान. उप-धारा (2) के तहत पूजा स्थल आदि में किया गया अपराध.”
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लेकिन यहां पर ये भी देखनी होगी कि अगर यासिर फिलिस्तीन के समर्थन में झंडा लगाने की अपील कर भी देता तो क्या उसपर वर्गों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाले बयान के रूप में एफआईआर होना चाहिए?

इसपर हमने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड, अनस तनवीर से बात की.

अनस कहते हैं,

“धारा 505 (2) तब लगता जब किसी की भावना आहत होती और वो शिकायत करता या फिर दो समुदायों के बीच में नफरत फैलाने वाली बात किसी ने कही होती. मान लीजिए की हम भारत में किसी धर्म विशेष के खिलाफ कुछ बोलते हैं और किसी को इससे तकलीफ होती तो 505 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. लेकिन फिलिस्तीन के समर्थन में झंडा लगाना किसी धर्म या समुदाय को आहत करना नहीं है. इसलिए इस केस में ये धारा लगाना अवैध माना जाएगा. भारत खुद फिलिस्तान के साथ खड़ा है फिर इस देश के लोग अगर समर्थन कर भी रहे हैं तो आप उन्हें गिरफ्तार कैसे कर सकते हैं?”

एडवोकेट अनस तनवीर कहते हैं कि जब ब्राजील और फ्रांस या किसी भी देश के साथ फुटबॉल या कोई भी मैच होता है लोग उन देशों के समर्थन में झंडा लगाते हैं, सपोर्ट करते हैं, तो क्या आप उन्हें जेल में डाल देंगे? नहीं. भारत के दुशमन देश को छोड़कर किसी और का झंडा लगाने पर गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है. हां, अगर कोई अपने देश भारत के झंडे का अपमान करता है तब कानून में सजा का प्रावधान है."

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फिलिस्तीन के साथ भारत

बता दें कि फलिस्तीन और इजरायल में लड़ाई के बीच ही भारत ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठाई थी. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरूमूर्ति ने कहा कि गाजा पट्टी में होने वाले रॉकेट हमलों की भारत कड़ी निंदा करता है. साथ ही दोनों देशों से तत्काल तनाव खत्म करने की अपील करता है.

इससे पहले भी भारत ने आजादी के बाद से अपने गैर औपनिवेशिक रणनीति के अंतर्गत फिलिस्तीनियों के स्व निर्णय के अधिकार का समर्थन किया है. भारत पहला गैर अरब देश था जिसने पेलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन(PLO) को फिलिस्तीनी नागरिकों का अकेला वैधानिक प्रतिनिधि माना था.

1938 में महात्मा गांधी ने कहा था “फिलिस्तीन अरब वासियों का उतना ही है जितना इंग्लैंड अंग्रेजों का और फ्रांस फ्रैंचो का”.

फिलहाल यासिर के परिवार वाले उनके बेल के लिए वकील से बातचीत कर रहे हैं.

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