प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के चौक थाना क्षेत्र में स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से ठीक पहले भवनों के रंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया.
सोमवार, 6 दिसंबर प्रशासन ने बुलानाला स्थित एक मस्जिद को गेरुआ रंग से रंगवा दिया, जिसके बाद एक वर्ग के लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी थी, इसके बाद मस्जिद को फिर से सफेद रंग में करने का काम शुरू किया गया.
मंगलवार को इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन बैकफुट पर आया और आनन-फानन में वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मामले को संज्ञान में लिया.
इसके बाद मस्जिद को फिर से सफेद रंग से रंगवाने का निर्णय लिया गया, इसके बाद मस्जिद को फिर से उसके मूल रंग (सफेद) में कर दिया गया है.
बता दें की मैदागिन से लेकर विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध तक सभी मकानों और दुकानों को एक रंग में रंगने का काम चल रहा है. इसी दौरान बुलानाला इलाके में स्थित एक मस्जिद को गेरुआ रंग में रंग दिया गया था.
लोगों में बढ़ने लगी थी नाराजगी
मस्जिद की देखरेख करने वालों का कहना है कि उन्हें आपत्ति रंग बदलने से नहीं है बल्कि बिना अनुमति के रातों-रात इस तरह का काम करवाने से है. एजाज मोहम्मद ने कहा कि इस तरह रंग बदलने से गलत संदेश गया है.
कम्युनिटी में नाराजगी बढ़ने के बाद एजाज मोहम्मद की तरफ से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा को लिखित आपत्ति पत्र दिया गया था.
डॉक्टर सुनील वर्मा ने कहा कि मस्जिद का रंग बदलना किसी को आहत करना नहीं था.
बता दें कि श्री विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम 13 दिसंबर को वाराणसी में प्रस्तावित है. इससे पूर्व शहर को भगवा रंग में रंगने का काम तेजी से चल रहा है.
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले विश्वनाथ मंदिर प्रशासन व वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से रास्ते में पड़ने वाले सभी मकानों और दुकानों को एक ही रंग में रंगने का काम प्रसाद योजना के अंतर्गत चल रहा है.
इनपुट क्रेडिट- चंदन पांडेय
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