आपने हमारे देश के गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तो सुन लिया होगा. चुनावी भाषणों के दौरान किए गए दावों और धरातल पर स्थिति में कितना अंतर होता है यह आज हम आपको बताएंगे. बात करेंगे सितंबर महीने के शुरुआती 15 दिनों के घटनाओं से.
शुरुआत होती है उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से जहां पर एक नाबालिग दलित बच्ची के साथ बलात्कार कर उसको आग के हवाले कर दिया जाता है. 12 दिन तक इलाज चलने के बाद लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में उसकी मौत हो जाती है. दूसरी सनसनीखेज घटना आती है लखीमपुर खीरी जिले से. यहां पर दो नाबालिग दलित बहनों को उनके घर से अगवा कर आरोपी पास के ही खेत में ले जाते हैं.
उन दोनों बच्चियों के साथ बलात्कार होता है और फिर बाद में उनका गला दबाकर हत्या कर दी जाती है. उनका शव खेत के पास ही एक पेड़ से लटका हुआ मिला था. अभी दलित नाबालिग लड़कियों की हत्या का मामला शांत नहीं हुआ था कि लखीमपुर खीरी में एक और सनसनीखेज घटना होती है.
आरोपियों द्वारा कथित तौर पर घर मे घुस कर एक दलित लड़की के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की घटना होती है. इलाज के दौरान लड़की की मौत हो जाती है. इनको जीते जीते न्याय तो मिला नहीं लेकिन मौत में भी सम्मान छीन लिया गया.
प्रशासन द्वारा बुलडोजर लगाकर इनकी कब्र खोदी गई और अंतिम संस्कार किया गया. इस वीडियो को जब सोशल मीडिया पर शेयर किया गया तो लोगों ने प्रशासन के संवेदनहीन रवैये की जमकर आलोचना की.
उत्तर प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के मामले यहीं नहीं थमे. बदायूं में एक दलित युवती का शव रेलवे स्टेशन के पास जंगल में मिला. परिवार वालों ने आरोप लगाया की उनके बेटी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई है. पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है. एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला प्रयागराज से भी आया है, जहां पर एक लड़की के साथ कुछ युवक छेड़छाड़ कर रहे हैं और युवती का मंगेतर आरोपियों के पैर पर गिरकर उनको छोड़ देने की भीख मांग रहा है.
इन सब मामलों से उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा के नाम पर जो दावे किए जाते हैं और जो जमीनी स्थिति है उसके बीच का अंतर जरूर समझ में आ गया होगा आपको. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में BJP की सरकार बनने के बाद महिला की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एंटी रोमियो स्क्वाड का भी गठन हुआ था.
इसका कितना असर हुआ, आप देख सकते हैं. इन सब मामलों में एक बात और निकल कर आ रही है कि महिला अपराध से जुड़े यह सनसनीखेज मामले ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से संबंधित होते हैं. इस मामले पर हमने उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह से खास बातचीत की.
प्रकाश सिंह ने बातचीत के दौरान महिलाओं के खिलाफ ग्रामीण इलाकों में होने वाले गंभीर अपराधों के लिए जो कारण गिनाए उनमें एक कारण खराब पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर भी था. उन्होंने बातचीत में बताया कि देश में कई ऐसे पुलिस थाने हैं जहां पर अभी भी कोई गाड़ी या टेलीफोन मौजूद नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी भी देश मे ऐसे कई मुख्यमंत्री हैं जिनकी सोच रूढ़िवादी है और अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस व्यवस्था में सुधार को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं.
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