ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: ऐसा गांव जहां आज तक नहीं पहुंची बिजली, लड़की की शादी करने से मना कर देते हैं

Uttar Pradesh के इस गांव के लोग दोपहर में गर्म हवाओं के शुरू होते ही घरों में न रह करके बाहर निकल कर बैठते हैं.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

गर्मियों का मौसम आते ही भारत के कुछ राज्यो में हीट वेव का खतरा बढ़ने लगता है. इसको लेकर मौसम विभाग एडवाइजरी जारी कर बताता है कि दोपहर के समय धूप में बाहर न निकलें. लेकिन यूपी के एक गांव की स्थिति ऐसी है कि वे गर्म हवाओं के शुरू होते ही घरों में न रह करके बाहर निकल कर बैठते हैं. इसके पीछे की वजह जानकर हैरानी होगी. मन में सवाल आएगा कि आखिर यूपी में ऐसा गांव भी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) से 70 किमी दूर अलीगंज तहसील क्षेत्र के नगला तुलई नाम का गांव है. यहां अभी तक बिजली ही नहीं पहुंची है. पिछले साल नवंबर में क्विंट ने इसपर रिपोर्ट की थी, जिसके बाद एटा के जिलाधिकारी ने मामले पर संज्ञान लेते हुआ कहा था कि ग्रामीणजनों की दीपावली उजाले में मनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई है. गांव में बिजली के लिए स्वीकृति मिल गई है. लेकिन जब क्विंट फिर से उस गांव पहुंचा तो पता चला कि स्थिति जस की तस है.

गांव के लोग गर्म हवाओं में घर से बाहर निकल आते हैं

एटा जिले की तहसील एवं विकासखंड क्षेत्र अलीगंज की ग्राम पंचायत राजा का रामपुर देहात के ग्राम नगला तुलई के रहने वाले लोग इस समय चल रही गर्म हवा के बीच में अपने घरों को छोड़ कर पेड़ों की छांव में अपनी जिंदगी चला रहे हैं.

इस गांव में आजादी के सात दशकों के बाद भी बिजली नहीं पहुची है, इस वजह से अब इस गांव में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. गांव के पास से निकली हुई नहर और गंदे पानी के नाले की वजह से जहरीले कीड़ों का भी खतरा रहता है. यहां सांप, बिच्छू जैसे जहरीले कीड़ों का भी खतरा रहता है.

‘घर में रहने से अच्छा है गर्म हवा में रहें’

गांव के घर बनाने का काम करने वाले राज मिस्त्री श्याम सिंह बताते हैं कि हमारे गांव में अभी तक बिजली नही आई है. हमारी उम्र इस समय 55 है और जब से मैंने होश संभाला है तब से हम लोग गांव में बिजली लाने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन बिजली नही आ पा रही है. गांव में बिजली न होने की वजह से दोपहर के समय हम लोग अपने घरों से बाहर आ करके बैठते है. कई लोग अपने घरों से बाहर बने रास्ते में बैठते हैं तो कोई मंदिर के पास बने चबूतरे पर बैठता है क्योकि यहां पर छाया रहती है.

घरों के अंदर गर्मी की वजह से उमस होती है और दीवारों और छतों के गर्म होने की वजह से तपती रहती है इस लिए घरों के अंदर रहना संभव नहीं हो पाता है.

गांव की कुल वोटिंग आबादी 125 के आसपास है, वहीं गांव की कुल आबादी 350 लोगों के आसपास की है. इस गांव के लोग आज भी अपने मोबाइल फोन चार्ज करने लिये 2 किमी दूर नजदीकी कस्बे राजा का रामपुर में जाते हैं.

"लोग लड़कियों की शादी करने से मना कर देते हैं"

गांव की एक बुजुर्ग महिला ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि लोग हमारे गांव में अपने लड़की की शादी देखने आते हैं और फिर लाइट का होने की वजह से शादी करने से मना कर देते हैं.

उन्होंने बताया कि चाहे लड़की की शादी हो या लड़के की...गांव में बिजली ना होने की वजह से रामपुर में शादी का प्रोग्राम करना पड़ता है. बरात रुकने के लिए भी गांव में कोई व्यवस्था नहीं है.

बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर

गांव के रहने वाले शिक्षक अमरनाथ बताते हैं कि गर्मी में हाल बेहाल हो जाता है, ऐसे में बच्चे सही से पढ़ नही पाते हैं. बिजली न होने के कारण बच्चे मोमबत्ती जलाकर पढ़ते हैं. अगर गांव में बिजली आ जाये तो हम लोग भी अपने घरों में पंखे कूलर लगा लें, दोपहर और रात में हमारे बच्चे पढ़ सकें और दोपहर में गर्मी से बचने के लिए गर्म हवा के बीच में नही जाना पड़ेगा.

वैसे तो हमारे गांव में लोग अपनी लड़कियों की शादी करने से बचते हैं, अगर शादियां हो भी जाती हैं तो लड़कों की शादी में मिलने वाले सामान में पंखा, कूलर, फ्रिज आदि का उपयोग नही कर पाते. गांव में लड़कियों की बारात आती है तो रिश्तेदार भी अंधेरे में रहते हैं. अब इस गर्मी के सीजन में बच्चे बुजुर्ग बीमार पड़ रहे है, अब हम केवल जलते हुए बल्ब को देखना चाह रहे हैं.
प्रेमवती (स्थानीय बुजुर्ग महिला,उम्र 60 वर्ष)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नई बहू बोली- मायके पहुंचने के बाद घर वालों से हुई लड़ाई

गांव में हाल ही में ही शादी करके आई नई नवेली बहू अनीता कहती हैं कि हमारी शादी को हुये मात्र 6 महीने बीते हैं. जब से हम इस घर में शादी करके आये हैं सब कुछ बदल सा गया है. दोपहर 2 बजे से ही खाना बनाने की तैयारी करनी पड़ती है, रात में 8 बजे तक खाना खा करके सो जाते हैं. बिजली न होने से बहुत सी परेशानी होती है, पानी की समस्या होती है.

जब मैं शादी होने के बाद अपने पीहर (मायके) पहुची थी, तब मैंने अपने पापा से कहा कि आपने मेरी शादी कहां कर दी, वहां तो बिजली तक नहीं है लेकिन अब हम क्या कर सकते हैं जीवन तो गुजारना ही है.
अनीता सिंह, गांव की बहू

‘सरकार ने टैबलेट दिया-लेकिन वह किसी काम का नहीं’

बाहरवीं पास छात्रा रागिनी कहती हैं कि सरकार ने मुझे टैबलेट दिया हुआ है लेकिन वो टैबलेट मेरे किसी काम का नहीं है. उसके मिलने के बाद तो मेरे पास एक नया काम बढ़ गया है, अब इसको दो किलोमीटर दूर चार्ज करने ले जाना पड़ता है. हम सभी लोग गर्मी के समय में दोपहर घर से बाहर गुजारते हैं, रात के समय मे कीड़े इत्यादि की समस्या बढ़ जाती है.

जिम्मेदारों को ही नही पता आखिर चल क्या रहा है?

विद्युत उपकेंद्र अलीगंज के एसडीओ सोनू कुमार कहते हैं कि राजा का रामपुर विद्युत केंद्र के अधीन पड़ने वाले ग्राम नगला तुलई को 'Revamped Scheme' में शामिल करने लिए अधिकारीयों के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है. जैसे ही अनुमति मिलती है काम शुरू करवा दिया जाएगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत 269 करोड़ रुपये का बजट मिला है. ग्रामीण प्रथम एक्सईन एसपी सिंह ने बताया है कि जिन गांवों में बिजली नहीं पहुची है वहां पर बिजली पहुंचाई जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस स्थिति को देखते हुए सवाल खड़ा होता है कि जब नगला तुलई गांव 'Revamped Scheme' में शामिल किया गया है तो सौभाग्य योजना में लाभ कैसे मिल सकता है. अगर सौभाग्य योजना का लाभ मिलता है तो अभी तक कैसे छूटा रहा?

हालांकि इस सवाल से जिले स्तर के अधिकारी बचते रहे और आखिरी में बोले कि जल्द ही उस गांव में बिजली पहुंचाने का काम किया जायेगा.

फिलहाल अभी भी नगला तुलई के लोग अपने गांव के अंधेरे में जलता हुआ बिजली का बल्ब देखना चाहते है, वहीं ग्रामीणों को अभी घर के बाहर कितने दिन गुजारने पड़ेंगे, पता नहीं. 100 वर्ष की उम्र पार कर चुके राजाराम आज भी बिजली के बल्ब की तरफ टकटकी लगाये देख रहे हैं मानो सवाल कर रहे हो आखिर कब हमारे बच्चे इसकी रोशनी में पढ़ेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×