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गाजियाबाद: पुलिस पर ऑटो चालक को पीटने का आरोप, मौत के बाद विरोध प्रदर्शन

मामले में पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप लगा है. मृतक के परिजन सुबह से ही हंगामा कर रहे हैं.

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में एक ऑटो चालक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि रविवार की रात एक एक्सीडेंट के बाद पुलिस ऑटो चालक को पकड़कर ले गई और चौकी के अंदर उसकी जमकर पिटाई की गई. आधी रात को पुलिस ने जब इस व्यक्ति को परिजनों के सुपुर्द किया तो वो बेहोशी की हालत में था. इसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां आधे घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया.

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मामले में पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप लगा है. मृतक के परिजन सुबह से ही हंगामा कर रहे हैं.
मामले में पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप लगा है. मृतक के परिजन सुबह से ही हंगामा कर रहे हैं.

क्या है पूरा मामला?

धर्मपाल यादव (25 साल) नाम का ऑटो चालक मूल रूप से जिला कासगंज में अमापुर थाना क्षेत्र के गांव नंगला बांस से था. परिवार सहित गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित कनावनी गांव में रहता था और वैशाली मेट्रो स्टेशन से रेलवे विहार के बीच ऑटो चलाता था.

ऑटो चालक के बहनोई अरविंद यादव ने बताया कि धर्मपाल रविवार रात करीब 10 बजे ऑटो से घर लौट रहा था. नीति खंड इलाके में रेलवे विहार कट पर ऑटो की एक साइकिल से टक्कर हो गई. साइकिल सवार युवक घायल हो गया.

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"जिसने कॉल किया, उसे ही थाने ले गई पुलिस"

एक्सीडेंट होने के बाद ऑटो चालक धर्मपाल ने खुद UP-112 को फोन करके पुलिस बुलवाई थी. आरोप है कि पुलिस सूचना देने वाले व्यक्ति धर्मपाल यादव को ही उठाकर कनावनी चौकी पर ले आई.

हॉस्पिटल से पुलिस उसको फिर चौकी पर ले गई और वहां खूब पिटाई की गई. रात में डेढ़ बजे कुछ पुलिसकर्मियों ने धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी यादव को फोन करके उसे ले जाने के लिए कहा.
अरविंद यादव, मृतक का बहनोई

धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी का कहना है कि जब वो पुलिस चौकी पर पहुंचा तो धर्मपाल यादव बेहोश पड़ा था, इसलिए वो उसको घर की बजाय शांति गोपाल हॉस्पिटल ले गए. यहां रात करीब दो बजे धर्मपाल की मौत हो गई.

दरोगा ने फोन किया तो मैं मौके पर गया. दरोगा और पांच-छह पुलिसवाले मौजूद थे. मैंने कहा था कि घायल के ट्रीटमेंट का पैसा हम दे देते हैं और हमारे भाई को छोड़ दो. उन्होंने भाई को नहीं छोड़ा और पुलिस चौकी ले गए. रात एक बजे मुझे फोन किया कि इसे ले जाओ. जब रात में हम चौकी पर आए तो पुलिसवालों ने हमसे 3510 रुपए जमा करवा लिए और उसके बाद छोड़ा.
मृतक का चचेरा भाई मुरारी यादव
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उन्होंने आगे बताया कि मैंने जब भाई से पूछा तो उसके सीने में दर्द हो रहा था. वो बता रहा था कि पुलिसवालों ने उसको खूब पीटा है, उसके सीने में चोट लग रही थी. थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई.

परिजनों व ऑटो चालकों का हंगामा

इस घटनाक्रम के बाद सोमवार सुबह मृतक के परिजन और इलाके के कई ऑटो चालक इकट्ठा हो गए. उन्होंने शांति गोपाल हॉस्पिटल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों की मांग है कि धर्मपाल को पीटने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ा एक्शन लिया जाए. फिलहाल पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और परिजनों को शांत कराने की कोशिश में लगे रहे.

DCP दीक्षा शर्मा ने कहा कि परिजनों ने अभी तक इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं की है. फिर भी पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज रही है. ACP को हॉस्पिटल की इमरजेंसी में जाकर CCTV कैमरे देखने और वहां मौजूद लोगों से बातचीत करने के लिए कहा गया है.

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