उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई जिलों में पिछले एक महीने में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की के साथ दूसरे समुदाय के लड़के को देखकर लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की. घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
कई मामलों में एक तरफ लड़के के साथ मारपीट की गई तो वहीं लड़की को भी दूसरी समुदाय के लड़के के साथ घूमने के लिए खरी-खोटी सुनाई गई.
ऐसे मामलों के सोशल मीडिया पर आने के बाद एक बहस छिड़ गई है, जहां कई लोग इसे निजी अधिकारों का हनन बताकर ऐसे मॉरल पुलिसिंग पर आपत्ति जता रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ कुछ कट्टरपंथी लोग इसके समर्थन में भी उतर आए हैं.
बिजनौर का मामला सामने आया
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का है, जहां पर एक बाइक पर सवार एक युवक और दो युवतियों को कुछ शरारती तत्वों ने सड़क पर रोक लिया, उनके साथ बदसलूकी की. वीडियो बना रहे आरोपियों ने बाइक सवार युवतियों के पहचान पत्र, और घर वालों के मोबाइल नंबर की मांग करने लगे.
पूछताछ में क्या हुआ खुलासा?
घटना के सोशल मीडिया पर आने के बाद स्थानीय पुलिस ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित युवक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. बिजनौर पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से जारी प्रेस नोट में यह बताया गया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह टीम बनाकर क्षेत्र में घूमते हैं और पता लगाते हैं कि कहीं मुस्लिम धर्म की लड़की किसी अन्य धर्म के लड़के के साथ तो नहीं जा रही. ऐसा पाने पर उसे रोककर वीडियो बनाकर लड़कियों के परिजनों तक पहुंचाते हैं.
यूपी के कई जिलों से ऐसे मामले सामने आए
मुरादाबाद, बरेली, और गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी ऐसे मामले आए हैं, जिनमें पुलिस ने कार्रवाई भी की है. पिछले 1 महीने में ऐसे मामलों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होती दिख रही है. बताते हैं कहां-कहां ऐसे मामले सामने आए?
उत्तर प्रदेश के बरेली में 20 मई को एक गेस्ट हाउस में रुके एक मुस्लिम युवती और हिंदू युवक को मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों के द्वारा बदसलूकी का सामना पड़ा. घटना बरेली के सुभाष नगर थाने अंतर्गत एक गेस्ट हाउस की है, जहां पर अपनी मर्जी से रुकी मुस्लिम युवती और हिंदू युवक को उनके कमरे का जबर्दस्ती दरवाजा खुलवा कर लोग पूछताछ करने लगे. इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर बनाकर वायरल किया गया. संवेदनशील मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मुस्लिम संगठन जमानत रजा ए मुस्तफा और रजा एक्शन कमेटी के सदस्यों सहित अज्ञात पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
वहीं अगर मेरठ की बात कर रहे हैं तो एक हिंदू लड़के के साथ घूम रही दो मुस्लिम युवतियों को कुछ लोगों ने घेरकर सवाल-जवाब शुरू कर दिए. यह घटना 13 मई को शहर के भगत सिंह मार्केट की बताई गई, जहां मुस्लिम युवती अपने दोस्त के साथ खरीदारी करने निकली थी. कुछ लोगो द्वारा की जा रही बदसलूकी की घटना का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई. पुलिस की मानें तो इस मामले में मुकदमा दर्ज कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
दो दिन बाद 15 मई को ऐसा ही मामला मेरठ के पड़ोसी जिले मुजफ्फरनगर में देखने को मिला. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक बाइक पर सवार युवक बुर्का पहने हुए एक युवती को लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा है. उसी दौरान कार सवार कुछ दबंग युवक उन्हें बीच सड़क पर रोकते हैं और फिर बदसलूकी करते हुए युवती के चेहरे से नकाब को हटाते हैं. इस दौरान कार सवार युवकों में से एक युवक इस घटना को अपने मोबाइल में कैद कर लेता है जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है. स्थानी पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
मुरादाबाद में भी अराजक लड़कों के एक गुट द्वारा एक युवक और युवती को परेशान करने का मामला सामने आया है. यह घटना मुरादाबाद के भोजपुर थाना अंतर्गत एक बाजार की है जहां पर 21 मई को बुर्का पहने मुस्लिम युवती के साथ साथ शॉपिंग कर रहे एक युवक को देखकर कुछ लोग भड़क गए. आरोप है कि अराजक तत्वों ने युवती के साथ आए लड़के के साथ मारपीट भी की. इस घटना में पीड़ित युवती की तहरीर पर तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. मुरादाबाद पुलिस की माने तो एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
अचानक से उभरी ऐसी घटनाओं के मायने?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रोफेसर मोहिबुल हक ने क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान कहा कि बजरंग दल की तरह "मुस्लिम बजरंग दल" मॉरल पुलिसिंग का काम कर रहा है. "बहुत सारे दक्षिणपंथी विचारधारा वाले संस्थानों ने आह्वान दिया था कि मुस्लिम लड़कियों से शादी करो और उसके लिए इंसेंटिव की भी घोषणा की."
ऐसे आह्वान की वजह से अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग सतर्क हो जाते हैं और यह ग्रुप "मुस्लिम" बजरंगदल हो जाता है. जैसे बजरंग दल का काम है "मॉरल पुलिसिंग" वही इन मामलों में यही काम "मुस्लिम बजरंग दल" कर रहा होता है.मोहिबुल हक, प्रोफेसर, AMU
वह आगे कहते हैं कि इन घटनाओं के पीछे राजनीतिक ताकतें हो सकती हैं, जो अपना हित साधने में लगी हुई है.
मोहिबुल हक ने कहा, "अगर लोग ऐसी चीजों को रोकना चाहते हैं तो वीडियो बनाकर वायरल क्यों करते हैं? अगर वीडियोग्राफी कर रहे हैं तो इसका मतलब इसके पीछे ऐसी ताकतें हैं जो इसका फायदा उठाना चाहती हैं. यानी दोनों समुदाय में जो कट्टरपंथी लोग हैं, फायदा तभी होगा जब एक दरार बने और ऐसी घटनाओं से उस दरार को और स्पष्ट किया जाए."
उन्होंने कहा, "अगर इसकी सही जांच हो तो आपको पता चलेगा कि यह 2024 की तैयारी हो रही है. हिंदू के साथ मुसलमान क्यों है? मुसलमान के साथ हिंदू क्यों है? ऐसे मुद्दों को हवा देने की कोशिश की जा रही है. ऐसे भावनात्मक मुद्दे जब उभर कर आते हैं तो किसी भी समुदाय के नौजवान लोग इसे तुरंत जुड़ जाते हैं. इन मामलों में यह देखना चाहिए कि इन सब घटनाओं से सबसे ज्यादा फायदा किसका हो रहा है."
सेंटर फॉर ऑब्जेक्टिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डायरेक्टर अथर हुसैन मानना है कि घटनाएं समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता और इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.
अथर हुसैन ने क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान कहा," संविधान और लैंगिक समानता की बातों के बावजूद हमारे इस भारतीय समाज में हमेशा से पुरुष महिलाओं पर अपना हक जताने की कोशिश करते रहे हैं. चाहे वह खाप पंचायत हो या ऑनर किलिंग, समाज में महिलाओं को लेकर अभी भी भेदभाव है और उसी का ही स्वरूप है यह घटनाएं. क्योंकि हमारा समाज धर्म के नाम पर बंट गया है, इसलिए इन सब मामलों को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है."
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