उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट में इलाज के अभाव में एक महिला की मौत होने की खबर सामने आयी है. बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल के डॉक्टर निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी मंत्री की आवभगत में लगे हुए थे.
प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह के सामने से शव को छुपाने के लिए, महिला के ऊपर चादर डाल दी गई. बताया जा रहा है कि मंत्री अपनी यात्रा के दौरान फलों का वितरण भी कर रहे थे. यहां तक कि उन्होंने मृत महिला के हिस्से के भी फल वितरित कर दिए.
जिला पंचायत सदस्य ने उठाए स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
मंत्री जी यह नही जान पाए कि वह मरीज मृत अवस्था मे लेटी हुई है. इसी बात को लेकर वहां खड़ी जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करते हुए मंत्री जी के सामने ही विरोध करना शुरू कर दिया और अस्पताल को रेफर सेंटर बताते हुए मंत्री के निरीक्षण पर ही सवाल खड़े करने लगीं.
बताया जा रहा है कि उन्होंने अस्पताल में मिली शराब की बोतल लेकर CMO को दिखा कर कहा कि अस्पताल में दवा नही बल्कि शराब की बोतल मिलती है. वहीं इस मामले में प्रभारी मंत्री मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कहकर वहां से निकल गए.
जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने शराब की बोतलें दिखाते हुए कहा कि अस्पताल की छत पर यह दारु की बोतलें भरी पड़ी हैं. मीरा भर्ती में महिला की मौत के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया.
जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती एक दलित नेता हैं और इलाके में दलितों के संघर्ष के लिए लड़ाई के लिए जानी जाती हैं. मीरा भारती के शोर शोराबा करने के बाद ही चित्रकूट जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने महिला को चेक करना शुरू किया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी. मीरा भारती यह भी आरोप लगाया है कि अस्पताल में पीने का पानी भी नहीं मिलता है बाहर से बोतल खरीदना पड़ता है.
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