उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक 28 साल के युवक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. युवक ने आरोप लगाया है कि सार्वजनिक रूप से मास्क नहीं पहनने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर उसके हाथ और एक पैर में कील ठोक दिया. हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार किया है, और दावा किया कि युवक ने एक कांस्टेबल पर हमले के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद को चोट पहुंचाई है.
युवक का नाम रंजीत है और वो बरेली के बारादरी के मोहल्ला जोगीनवादा निवासी है. रंजीत के हाथ और पैर में एक-एक कील लगी थी, पुलिस उसे जिला अस्पताल ले गई, जहां उसका इलाज चल रहा है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने कहा कि एक जांच से पता चला है कि रंजीत का आरोप झूठा है.
इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया है कि युवक मजदूर शराबी था, बारादरी थाना प्रभारी (एसएचओ) सीतांशु शर्मा के मुताबिक 24 मई को कांस्टेबल हरिओम ने रंजीत को रोका क्योंकि वह शराब के नशे में घूम रहा था. उसके पास मास्क नहीं था. जब हरिओम ने इसका विरोध किया तो उसने कथित तौर पर दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. जब कांस्टेबल ने उसे पकड़ने की कोशिश की तब रंजीत ने कथित तौर पर हरिओम को मारा .
रंजीत के खिलाफ बारादरी पुलिस स्टेशन पर आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) और 270 (घातक कार्य से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब रंजीत ने इस तरह का काम किया है. साल 2019 में, उसे कथित तौर पर एक मंदिर में शराब के नशे में मूर्तियों को अपवित्र करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है.
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