उत्तराखंड के नए सीएम तीरथ सिंह रावत पद संभालने के बाद से ही विवादों में हैं. फिर चाहे कुंभ को लेकर उनके खतरनाक फैसले हों, या फिर उनके खुद दिए गए बेतुके बयान. अब एक चैनल को दिए इंटरव्यू में तीरथ सिंह रावत ने ऐसे ही कुछ आरोपों का जवाब दिया है. इंटरव्यू में सबसे अहम सवाल ये था कि, आने वाले चुनावों में आप जनता के बीच जाकर क्या बताएंगे, आपने 5 साल में क्या किया? इस पर तीरथ सिंह रावत ने जवाब दिया कि, लोगों का मोदी जी में विशेष विश्वास है. उत्तराखंड की जनता मोदी जी में पूरी तरह विश्वास करती है. इससे भी दिलचस्प बात ये रही कि सीएम साहब को राज्य में कुल एक्टिव मामलों की ही जानकारी नहीं है.
कुंभ को लेकर हुआ दुष्प्रचार- तीरथ सिंह
इस इंटरव्यू में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कुंभ को लेकर उन पर लगे तमाम आरोपों से इनकार कर दिया. कुंभ के कोरोना फैलाने की रिपोर्ट्स को लेकर सीएम रावत ने कहा कि,
“मां गंगा को देश और विदेश में पूजा जाता है. सदियों से लोग यहां आते रहे हैं. कुंभ विशेष तिथि पर होता है. इसकी तिथि बहुत पहले से निकाली जाती हैं. कुंभ के समय केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे पद दिया. मेरे मन में भी था कि कुंभ भव्य हो. लेकिन साथ में कोरोना भी आया. मेरा मानना है कि ये दुष्प्रचार हुआ है कि कुंभ के कारण कोरोना फैला. हरिद्वार में स्थिति खराब नहीं है. कुछ लोगों के द्वारा देवभूमि, साधु-संतों को बदनाम करने के लिए षड़यंत्र किया जा रहा है.”
खुद हटाए थे प्रतिबंध, अब उनसे ही किया बचाव
सीएम रावत ने दावा किया कि हमने कुंभ में किसी को भी बिना आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के नहीं आने दिया. उन्होंने कहा कि बॉर्डर से करीब 13 हजार वाहनों को लौटा दिया गया. हालांकि तीरथ सिंह रावत ने सीएम बनते ही तमाम कोरोना प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान किया था, जिनमें कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट भी शामिल थी. लेकिन हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने वापस ये नियम लागू किया. अब इसी नियम को लेकर सीएम अपना बचाव कर रहे हैं.
उत्तराखंड में कुंभ के बाद से ही लगातार कोरोना मामले बढ़ रहे हैं और रोजाना 100 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो रही है. लेकिन इस इंटरव्यू में सीएम रावत ने इसका पूरा ठीकरा उन प्रवासी लोगों पर फोड़ दिया, जो दिल्ली और बाकी जगहों से उत्तराखंड लौट रहे हैं. उन्होंने कहा कि, लोग पॉजिटिव होकर गंभीर स्थिति में मेरे राज्य में आ रहे हैं. हम उनका इलाज कर रहे हैं. ये हमारा धर्म है.
सीएम को नहीं पता कितने एक्टिव केस?
लेकिन उत्तराखंड में कोरोना के प्रबंधन को लेकर सीएम कितने गंभीर हैं, ये इससे साबित हो जाता है कि वो राज्य में कोरोना के एक्टिव मामलों का आंकड़ा भी साथ लेकर नहीं आए.
जब उनसे ये सवाल पूछा गया कि आपके राज्य में कोरोना के एक्टिव केस कितने हैं? तो इसके जवाब में रावत थोड़ा हड़बड़ाए और फिर बताया कि आज की डेट में करीब 60 हजार एक्टिव केस हैं. जबकि उत्तराखंड में 15 मई के डेटा के मुताबिक 80 हजार एक्टिव केस हैं, चलिए ये भी मान लेते हैं कि आज का आंकड़ा सीएम साहब को नहीं पता था, तो इससे एक दिन पहले 14 मई को उत्तराखंड में 79 हजार से ज्यादा एक्टिव केस थे.
टेस्टिंग को लेकर भी बढ़ा चढ़ाकर बताए आंकड़े
इसके अलावा एक टेस्टिंग को लेकर भी उत्तराखंड के सीएम ने झूठ बोल दिया. जब उनसे पूछा गया कि आपकी सरकार पर कम टेस्टिंग के आरोप लग रहे हैं, तो रावत ने कहा कि, नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है. हम लोग बाकी राज्यों से डेढ़ गुना अधिक टेस्ट कर रहे हैं और आज भी 35 से 40 हजार टेस्ट हो रहे हैं.
इसके बाद जब हमने उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक किया तो पता चला कि, 8 मई के बाद से सिर्फ 11 मई को 29 हजार टेस्ट हुए, बाकी दिनों में 25 हजार या फिर उससे कम टेस्ट हो रहे हैं.
इस दौरान सीएम रावत अपने उस बयान से भी मुकर गए, जिसमें उन्होंने एक रिपोर्टर से ये कहा था कि, मां गंगा की कृपा से कोरोना यहां नहीं फैलेगा. रावत ने कहा कि ये सरासर गलत है, झूठ है. ये कहीं नहीं कहा गया. हमने बार-बार कहा कि लोग आएं स्नान करें, लेकिन नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट लेकर आएं.
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