उत्तराखंड की एक सुरंग (Uttrakhand Tunnel Rescue) में 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत 18वें दिन रेस्क्यू किया गया. जिंदगी की जंग जीत कर बाहर आए मजदूरों को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गले लगाकर स्वागत किया. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनल से बाहर आए मजदूरों से टेलीफोन से बातचीत की. पीएम से संवाद में मजदूरों ने बताया कि उन्होंने सुरंग में कैसे अपना दिन बिताए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों से बातचीत के दौरान सबसे पहले मजदूरों को सकुशल बाहर आने पर बधाई दी. उन्होंने कहा...
"मेरे लिए ये खुशी की बात है. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. भगवान की कृपया रही कि आप सकुशल बाहर आए. आप लोगों ने मनोबल बनाए रखा है. संकट की घड़ी में टनल में फंसे साथियों के परिवार की प्रार्थना काम आई."
"योगा और मॉर्निंग वॉक करते थे"
प्रधानमंत्री से पहले श्रमिक सलामत ने बातचीत की. उन्होंने पीएम मोदी को बताया...
"हम लोगों ने 18 दिन सुरंग में फंसे रहे लेकिन हम लोगों को एक दिन भी एहसास नहीं हुआ कि हमें कमजोरी हो रही है या घबराहट हो रही है. हमलोग भाई की तरह रहते थे. किसी को कुछ भी हो, मदद करते थे. खाना बांट कर एक साथ खाते थे."
उन्होंने आगे कहा कि हम टनल में टहलते थे. सुबह में मॉर्निंग वॉक और योगा करते थे. उन्होंने उत्तराखंड के सीएम का धन्यवाद किया और कहा कि सीएम धामी बराबर हमसे कॉन्टेक्ट करते थे और हालचाल लेते थे.
गब्बर सिंह नेगी की पीएम ने की तारीफ
पीएम मोदी ने मजदूर गब्बर सिंह नेगी की लीडरशिप की तारीफ की. उन्होंने कहा कि आपने संकट में पूरी टीम को संभाला और लोकल होने के कारण आप टीम और हमारे बीच कड़ी बने.
गब्बर सिंह नेगी ने पीएम मोदी और सीएम धामी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा "हमारी टीम ने कोई कमी नहीं छोड़ी. SDRF, NDRF ने हमारा हौसला बनाए रखा."
टनल में फंसे लोगों को धन्यवाद देते हुए गब्बर सिंह ने कहा कि मुश्किल की घड़ी में इन लोगों ने हमारी सारी बातें सुनी और हौसला नहीं छोड़ा.
पीएम मोदी ने सवाल किया कि आपमें कोई पहले भी ऐसे हालात में फंसा है क्या? आपका अनुभव काम आया?
इसपर गब्बर सिंह ने बताया "मैं सिक्किम में था तो लैंड स्लाइड हुआ था. वहां मैं फंस गया था लेकिन टनल में फंसने की घटना पहली बार हुई."
यूपी के अखिलेश सिंह ने पीएम मोदी को बताया कि मैं मिर्जापुर से हूं तो पीएम मोदी ने कहा कि मैं भी यूपी का हूं. अखिलेश ने कहा-
"सीएम धामी हालचाल लेते रहते थे. खाने की कोई दिक्कत नहीं थी. मैं तहेदिल से सबका शुक्रिया अदा करता हूं."
पीएम का सवाल-दिन-रात का पता नहीं था, कैसे गुजारे?
पीएम मोदी ने सवाल किया कि अंदर दिन रात का पता नहीं चलता होगा? इसपर मजदूरों ने बताया "हम मोबाइल की बैट्री बचाकर रखते थे. टाइम देखने के लिए हम मोबाइल का उपयोग करते थे. बाद में हमें मोबाइल और चार्जर दिया गया तो अच्छा फील हुआ. फिर हम मनोरंजन करने लगे तो थोड़ा रिलैक्स फील हुआ. घबराहट नहीं हुई. "
बिहार के छपरा के सोनू कुमार ने सबका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा...
"हर समय सहायता प्रदान की गई. हमें खराब लगता था. फिर हमें घर पर बातचीत करवाई गई तो हमें अच्छा लगा. हम परिवार की तरह साथ रहे. एनडीआरएफ के जवान टनल में अंदर घुसे तो जान में जान आई."
पीएम मोदी ने बातचीत के अंत में कहा कि आप सभी का स्वास्थ्य रिपोर्ट ठीक आई है. आप देश के लिए प्रेरणा बनें. मिलने का मौका मिलेगा तो जरूर याद करूंगा.
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