संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को आगाह किया कि दुनियाभर में 11.7 करोड़ बच्चे खसरा के खतरे का सामना कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि कई देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच टीकाकरण अभियान को रोक दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया है. इसमें से कई देश खसरा के खतरे का पहले से सामना कर रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण 13 अन्य देशों में भी टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ है.
"टीकाकरण अभियान को जारी रखना चाहिए"
खसरा और रूबेला के खतरे को घटाने के लिए वैश्विक स्तर की भागीदारी संस्था ‘मीजल्स एंड रूबेला इनिशिएटिव’ (एम एंड आरआई) ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि यह बहुत जरूरी है कि मौजूदा महामारी के दौरान और बाद में भी टीकाकरण अभियान को जारी रखना चाहिए.
‘‘टीकाकरण अभियान स्थगित होने से कुल मिलाकर 11.7 करोड़ बच्चे प्रभावित हो सकते हैं.’’मीजल्स एंड रूबेला इनिशिएटिव
बयान में कहा गया, ‘‘एम एंड आरआई, जहां पर महामारी का बहुत ज्यादा खतरा है. वहां पर व्यापक अभियान को कुछ समय के लिए रोककर कोरोना वायरस से समुदायों और स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने की हिमायत करता है. हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि बच्चे इससे स्थायी रूप से वंचित होने चाहिए.
खसरा से हर साल करीब दो करोड़ बच्चे प्रभावित होते हैं. इनमें से अधिकतर बच्चों की उम्र पांच साल से कम होती है. साल 2018 में खसरा की वजह से 140,000 बच्चों की मौत हुई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)