इस्लाम के सबसे पवित्र महीने रमजान को दुनियाभर के मुसलमान रोजा, नमाज और दुआ के साथ मानते हैं. इस एक महीने के अंत में ईद मनाई जाती है, तरह-तरह की इफ्तार पार्टियां होती हैं. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लोग अपने घरो में बंद हैं. इसी बीच सांप्रदायिक सौहार्द की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो दिन रात लोगों के दिलों में जहर घोलने वालों के लिए मिसाल है.
क्वॉरंटीन सेंटर में बदले गए वैष्णोदेवी मंदिर के आशीर्वाद भवन में रह रहे मुस्लिमों के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से खास व्यवस्था की गई है.
श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार का कहना है कि मंदिर रमजान के पवित्र महीने में लोगों को पारंपरिक सहरी और इफ्तारी दे रहा है. उन्होंने बताया,
मंदिर रमजान के पवित्र महीने में लोगों को पारंपरिक सहरी और इफ्तारी दे रहा है. वहीं अब जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir Authority) ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने का फैसला किया है.रमेश कुमार, श्राइन बोर्ड के सीईओ
सोशल मीडिया पर लोगों ने तारीफ
Ramzan का महत्व
रमजान के पवित्र महीने में ही पहली बार 'कुरान' मानव जाति के लिए प्रकट हुई थी. मुस्लिम धर्म में मान्यता है कि इस पूरे महीने में, शैतानों को नरक में जंजीरों में बंद कर दिया जाता है और आपकी सच्ची प्रार्थनाओं और भिक्षा के रास्ते में कोई नहीं आ सकता है.
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