राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) सदन में विपक्षी सदस्यों द्वारा मंगलवार को हंगामा करने पर भावुक हो गए. हंगामे के दौरान कुछ सांसद मेज पर चढ़ गए और कुछ बैठ गए और जिससे सदन की कार्यवाही बाधित करनी पड़ी थी. नायडू ने सदस्यों के निंदा की और कहा कि आवाज उठाने के साधन और तरीके हैं, लेकिन यह तरीका नहीं है और लोकतंत्र में इसकी अनुमति नहीं है. बुधवार को उन्होंने कहा कि वह रात में सो नहीं सके.
नायडू ने कहा, कुर्सी और संसदीय पत्रकारों और महासचिव की कुर्सी के आसपास के क्षेत्र को सदन का गर्भगृह माना जाता है और इस सदन की सभी पवित्रता कल नष्ट हो गई जब कुछ सदस्य मेज पर बैठे और कुछ सदन में मेज पर चढ़ गए.
राज्यसभा में कृषि मुद्दों पर चर्चा के दौरान मंगलवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ सांसद अध्यक्ष के सामने पत्रकारों की मेज पर चढ़ गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा टेबल पर खड़े नजर आ रहे हैं, जिस पर सभापति ने गंभीरता से संज्ञान लिया है.
विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि संबंधित नोटिसों पर ध्यान नहीं दिया गया है, उन्होंने सरकार पर किसान आंदोलन पर 'छिपाने' और चर्चा से बचने का आरोप लगाया.
सरकार सांसदों पर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है और इस मुद्दे पर अध्यक्ष के साथ बैठक की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, संसद में पीठासीन अधिकारियों को तटस्थ अंपायर माना जाता है, पक्षपातपूर्ण खिलाड़ी नहीं वे सदन में चल रही पूरी तरह से एकतरफा तस्वीर पेश नहीं कर सकते हैं और स्थिति को और बढ़ा सकते हैं. गलत भावना से हंगामा होता है.
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