अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के दिन देश में दीवाली जैसा आयोजन करने की तैयारी है. यह पहल विश्व हिंदू परिषद ने की है. विश्व हिंदू परिषद ने सूर्यास्त के बाद घरों, मुहल्लों, गांव, बाजार, मठ-मंदिरों और आश्रमों को दीयों से सजाने की अपील की है, लेकिन, विहिप ने आयोजन के दौरान दो गज की दूरी और मास्क जरूरी भी बताया है. संगठन ने कहा है कि उल्लास से जुड़े आयोजन शारीरिक दूरी और सरकारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हुए ही मनाए जाएं.
विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि कोरोना की वजह से परिस्थितियों को देखते हुए सभी लोग, भूमि पूजन के दिन अयोध्या नहीं आ सकते, इसलिए अपने घरों, निकट के मठ-मंदिरों या स्थानीय सार्वजनिक स्थलों पर इस उत्सव को दो गज की दूरी का पालन करते हुए धूमधाम से मनाएं.
विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए एक प्लान तैयार किया है. भूमि पूजन के दौरान देशभर की पवित्र नदियों का जल और तीर्थों की मिट्टी का इस्तेमाल होगा. उन्होंने कहा है कि पांच अगस्त को सभी संत-महात्मा अपने-अपने मठ-मन्दिरों, आश्रमों में और देश-विदेशों में बसे सभी रामभक्त अपने घरों या पास के मन्दिरों में सामूहिक बैठकर सुबह साढ़े दस बजे से अपने दो आराध्य देव का भजन-पूजन कीर्तन करें. आरती करें और प्रसाद बांटे. किसी बड़े हॉल में टेलिविजन या परदे की व्यवस्था कर अयोध्या में भूमि पूजन के कार्यक्रम को लाइव दिखाएं.
मिलिंद परांडे ने अपील करते हुए कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए यथाशक्ति दान का संकल्प करें. प्रचार के सभी साधनों का उपयोग करते हुए समाज के अधिकाधिक लोगों तक इस भव्य कार्यक्रम को पहुंचाएं. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "5 अगस्त को भूमि पूजन के दिन बिल्कुल दीवाली जैसा दृश्य होगा. सूर्यास्त होते ही घर, मुहल्ला, मठ-मंदिर, आश्रम सब जगमग हो उठेंगे। लोगों से दीवाली की तरह दीये जलाने का आह्वान विहिप ने किया है.
(इनपुट IANS से)
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