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'सरकार फेल,सरदार नहीं'- जान की परवाह किए बिना कोविड मरीजों की सेवा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, हेमकुंट फाउंडेशन, सिख एड, खालसा एड जैसे सेवा संगठनों की कहानी

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देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हाहाकार की स्थिति पैदा कर दी. सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम चरमरा गया. देश के अलग-अलग हिस्सों से ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी की खबरें आने लगीं. वहीं कई लोगों ने इस बुरे वक्त का फायदा उठाकर मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी और जमाखोरी की. लेकिन इस कठिन वक्त में भी 'सेवा' से प्रेरित होकर सिख समुदाय एक बार फिर कोविड-19 से लड़ाई में मदद के लिए आगे आया. दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, हेमकुंट फाउंडेशन, सिख एड, खालसा एड जैसे सेवा संगठनों ने कोरोना संकट के दौर में लोगों की कई जरियों से मदद की.

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दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (DSGMC) ने जरूरतमंद लोगों के घर-घर तक जाकर लंगर की सुविधा दी. जिन लोगों के घर पर खाना नहीं है या कोरोना मरीज होने की वजह से बनाने की सुविधा नहीं है उनके घर तक सिख समुदाय के इन लोगों ने भोजन पहुंचाने की मदद की. DSGMC ने ऑक्सीजन सिलेंडरों में भरकर लोगों को फ्री ऑक्सीजन देने का भी अभियान चलाया.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्विंट से बातचीत में बताया कि कमेटी घर पर मरीजों के लिए लंगर पैक करके घर पहुंचा रहे हैं.

खालसा एड ने दिए फ्री में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स

इसके अलावा खालसा एड ने लोगों को फ्री में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भी उपलब्ध कराए.

खालसा एड इंडिया के डायरेक्टर अमनप्रीत सिंह ने क्विंट से बातचीत में बताया कि-

सेवादार गाड़ियां भर के अलग-अलग लोकेशन की डिलीवरी कर रहे हैं, आप देख सकते हैं कि यहां ऑक्सीजन मशीन रखी जा रही हैं, जिन लोगों ने फॉर्म भरे हैं, ये उनके घरों में डिलीवर किया जाएगा.
अमनप्रीत सिंह, डायरेक्टर, खालसा एड इंडिया
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हेमकुंट फाउंडेशन ने 24x7 की ड्राइव-थ्रू सुविधा

हेमकुंट फाउंडेशन का कार्यालय गुड़गांव में स्थित है. उन्होंने एक बायोबबल बनाया हुआ जहां पर लगातार कोरोना मरीज आते रहते हैं. हेमकुंट फाउंडेशन के वॉलेंटियर ने क्विंट से बातचीत में बताया कि-

''ये एक बायो बबल है, यहां सिर्फ कोविड मरीज आ सकते हैं, यहां दिन-रात मरीज आ रहे हैं. वो यहीं सोते हैं, यहीं खाते हैं, काफी गर्मी है, इसलिए आज हमने यहां कूलर लगाए हैं. पानी के टैंकर लगाए हैं और मरीजों के लिए पोर्टेबल टॉयलेट बनाए गए हैं. हम लगातार मरीजों को नारियल पानी दे रहे हैं, कंबल, रजाई, तकिया, जूस दिया जा रहा है.''
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हेमकुंट फाउंडेशन के लिए सेवा काम करने वाले हरकीरत सिंह बताते हैं कि- 'आप जो भी वॉलिंटियर्स देख रहे हैं, वो सभी फर्स्ट-एड रिस्पॉन्डर्स हैं. ये सभी ट्रेन्ड हैं, यहीं खाते और सोते हैं. हम चौबीस घंटे यहीं हैं. हालात से हमारी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ा है, लेकिन हम तब भी काम कर रहे हैं और हम लोगों की मदद करेंगे. जब तक हम यहां हैं, कोशिश करेंगे कि अपनी तरफ से बेस्ट करें. आप सभी सपोर्ट करते रहिए. हमने सेकेंड वेव का पीक टच नहीं किया है. हालात और खराब होंगे.'

सिख एड दे रहा लोगों को दे रहा फ्री ऑक्सीजन सिलेंडर

भुवनेश्वर के एक युवा का SikhAid एनजीओ ग्राउंड पर लगातार काम कर रहा है. इनके जरिए होम आइसोलेशन में मरीजों को फ्री मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जा रही है. ये संगठन लोगों को फ्री में ऑक्सीजन पहुंचा रहा है. ओडिशा के कटक में एक वॉलेंटियर को रात में साढ़े 10 बजे जरूरतमंद का फोन आया तो वॉलेंटियर ने रात को तुरंत ही ऑक्सीजन पहुंचाने का काम किया. SikhAid में सेवा देने वाले रौनक बताते हैं कि- 'उन्हें दिन में मदद की गुहार वाली 400-500 कॉल रोजाना आती हैं. जिसमें से 70-80 परसेंट क्रिटिकल पेशेंट होते हैं जिनको ऑक्सीजन की जरूरत होती है.'

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