किसान आंदोलन के समर्थन में आए बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा है कि अगर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वो अपना खेल रत्न पुरस्कार लौटा देंगे. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जारी प्रदर्शन में पहुंचे विजेंदर ने कहा, "अगर सरकार काले कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो मैं अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस कर दूंगा."
विजेंदर सिंह को 2009 में भारत में खेल के सर्वोच्च सम्मान- राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया था.
‘फुगली’ फिल्म से बॉलीवुड में हाथ आजमा चुके विजेंदर सिंह लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर दक्षिणी दिल्ली की लोकसभा सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव लड़ा था. चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
दिलजीत भी पहुंचे सिंघु बॉर्डर
इससे पहले, पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ भी 5 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे. सिंघु बॉर्डर पहुंचकर दिलजीत ने कहा, “अगर आप हमें सुन रहे हैं तो यहां किसान के अलावा कोई भी बात नहीं हो रही है. मुद्दों को नहीं भटकाया जाए. किसान जो भी चाहते हैं, सरकार उनकी मांगो को मानें. सब यहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं. ट्विटर पर लोग घुमाते हैं. हम नेशनल मीडिया से भी कहते हैं कि यही दिखाएं कि हम शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं. पूरे देश हमारा साथ दे और सरकार हमारी मांगे मानें.”
प्रकाश सिंह बादल ने भी लौटाया पुरस्कार
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटा दिया है. बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखी एक लंबी चिट्ठी में पूर्व सीएम ने लिखा कि वो सरकार द्वारा किसानों के साथ किए विश्वासघात और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ हुए बर्ताव का विरोध में पुरस्कार वापस कर रहे हैं.
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