पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में हैं. यहां पर यूनिवर्सिटी की जमीन पर एक दीवार बनाए जाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ. गुस्साए लोगों ने इस दौरान कई ऐतिहासिक चीजों को भी नुकसान पहुंचाया. दरअसल इस खाली जमीन पर एक ग्राउंड बनाया गया था, जिसमें कई तरह के कार्यक्रम होते थे. बताया जा रहा है कि इसे मेला ग्राउंड के नाम से जाना जाता था. लेकिन जब यूनिवर्सिटी ने दीवार बनानी शुरू की तो लोगों ने इसका विरोध किया.
उपद्रवियों से होगी नुकसान की भरपाई
इस पूरी घटना के बाद इलाके में पुलिस बल की तैनाती की गई. विश्व भारती यूनिवर्सिटी की तरफ से भी घटना को लेकर बयान सामने आया है. जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. कैंपस में तोड़फोड़ करने वालों को पकड़ा जाना चाहिए जिससे कि आगे भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो. साथ ही यूनिवर्सिटी की तरफ से ये भी कहा गया है कि जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों से ही वसूली जाएगी. इसके लिए एमएचआरडी की तरफ से एक एजेंसी बनाई जाएगी, जो पूरी नुकसान की गिनती करेगी.
यूनिवर्सिटी में हुई इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी बयान दिया. लेकिन ममता बनर्जी ने भी वहां किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन का विरोध किया. उन्होंने कहा,
“विश्व भारती एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. मैं नहीं चाहती हूं कि वहां कोई भी ऐसा निर्माण हो जिससे प्रकृति की खूबसूरती को खतरा पैदा हो. मैं वीसी से अपील करती हूं कि वो एसपी और डीएम से एक बार बातचीत करें. बंगाल में ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए, जिससे राज्य की संस्कृति और सभ्यता को नुकसान हो.”ममता बनर्जी
वहीं अब विश्व भारती यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वाइस चांसलर प्रोफेसर बिद्युत चक्रवर्ती के घर के बाहर जाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कैंपस में जारी तनाव को देखते हुए यूनिवर्सिटी को हालात सामान्य होने तक बंद कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी की तरफ से बाहरी लोगों की अवाजाही को रोकने के लिए एक दीवार का निर्माण किया जा रहा था. लेकिन इसे लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया. जब दीवार बनने लगी तो यूनिवर्सिटी कैंपस में सैकड़ों लोग पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे. लेकिन कुछ उपद्रवी तत्वों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान वहां रखा कंस्ट्रक्शन का सामान भी फेंक दिया गया और पास खड़ी जेसीबी को भी नुकसान पहुंचाया गया. वहीं कुछ लोगों ने कुछ ऐतिहासिक ढांचों को भी तोड़ने की कोशिश की. बताया जा रहा है कि जिस ग्राउंड पर ये दीवार बनाई जा रही थी, वहां काफी बड़ा मेला लगता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)