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जेट कर्मचारी का दर्दः वाइफ प्रेग्नेंट हैं, सेविंग्स खत्म हो गई हैं

पांच महीनों से नहीं मिली जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सैलरी, सुनिए कर्मचारिए की आपबीती

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भारत
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जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी सरकार से उनकी नौकरी बचाने की गुहार लगा रहे हैं. बुधवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर जेट एयरवेज के सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी नौकरियां बचाने की अपील की है.

जेट एयरवेज का ऑपरेशन ठप हुए 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. कर्मचारियों को पिछले कुछ महीनों से सैलरी नहीं मिली है. एयरलाइन के पायलट और इंजीनियरों का कहना है कि पिछले 5 महीनों से उनका सैलरी बकाया है. वहीं लोडिंग डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि दो महीने से उनकी सैलरी लटकी हुई है.

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पांच महीनों से नहीं मिली जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सैलरी, सुनिए कर्मचारिए की आपबीती
मैं किराए के घर में रहता हूं, मैं अपना किराया नहीं दे पा रहा हूं. मेरी सेविंग्स खत्म हो रहीं हैं, मेरा खर्चा सेविंग्स से चल रहा है. मैं अपने बच्चों के स्कूल की फीस भी नहीं दे पा रहा हूं. मेरी वाइफ प्रेग्नेंट है और उसका मेडिकल बीते महीने एक्सपायर हो चुका है. मुंबई जैसे शहर में प्रेग्नेंसी और मेटरनिटी के लिए कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपया होना चाहिए, जो मेरे पास अभी नहीं है.
आशीष, जेट एयरवेज, इंजीनियर
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आशीष की तरह ही, 23 साल के सुनील, जो पिछले तीन साल से जेट एयरवेज में लोडर के तौर पर काम कर रहे हैं, इस बात को लेकर परेशान हैं, कि वह इस महीने का खर्चा कैसे चलाएंगे. सुनील के माता-पिता किसान हैं, जोकि सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में रहते हैं, सुनील अपने परिवार में कमाने वाले इकलौते शख्स हैं.

सुनील ने बताया-

“मेरे घर का किराया 6,000-7,000 रुपये है. मेरा सारा पैसा वैसे भी किराये में चला जाता है. अब हम क्या खाएंगे? इस साल सूखे में मेरे माता-पिता ने भी अपनी फसल खो दी है. मैं उन्हें क्या बताऊं?”
पांच महीनों से नहीं मिली जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सैलरी, सुनिए कर्मचारिए की आपबीती
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जेट एयरवेज के कर्मचारियों का ताजा प्रदर्शन एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल के इमोशनल लेटर लिखने के ठीक एक दिन बाद आया है. नरेश गोयल ने एयरलाइन के कर्मचारियों को एक इमोशनल लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई थी कि 'बीएलआर की समय सीमा के अनुसार 10 मई 2019 को सकारात्मक परिणाम आएगा'.

“आपकी तरह ही मेरी भी दिली इच्छा है, कि पिछले हफ्तों के काले बादलों के पीछे से उगता हुआ सूरज दिखाई दे, जिसकी चमक कभी कम ना हो. हम दोनों प्रार्थना करते हैं कि “उड़ान की खुशी” एक बार फिर आपके और आपके प्यारे परिवारों के लिए निकट भविष्य में बहुत खुशियां लाए.”
इमोशनल लेटर का अंश

गोयल ने लेटर में यह भी कहा है कि उन्होंने समूह की एक कंपनी से बैंकों को 250 करोड़ रुपये दिलवाए और एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइन को बचाने की कोशिश की. लेकिन कर्मचारियों को यकीन नहीं हो रहा है.

एक अन्य इंजीनियर, तमाल सेन ने कहा, "इसी तरह की चीजें कई जगहों से आई हैं, लेकिन हम एक्शन चाहते हैं क्योंकि यही एकमात्र चीज है जो किसी व्यक्ति के वास्तविक इरादों के बारे में बताएगी. जब तक कि शब्द एक्शन में नहीं बदल जाते, तब तक शब्दों का कुछ भी मतलब नहीं है.”

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