दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक दे दी है. मौसम विभाग के मुताबिक, इसके यहां आने की तारीख 1 जून की थी. विभाग ने बताया है कि देश में 14 वेदर स्टेशन बनाए गए हैं. इन स्टेशनों में 60 प्रतिशत स्टेशनों पर दो दिनों से लगातार 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश दर्ज की गई. यह मानसून का सबसे प्रमुख लक्षण है. केरल में बारिश का स्थानिक वितरण पिछले दो दिनों के दौरान काफी ज्यादा रहा.
देश में 'सामान्य' या 'सामान्य से ज्यादा' हो सकती है बारिश
भारतीय मौसम विभाग ने मॉनसून फॉरकास्ट को अपग्रेड करते हुए बताया था कि जून-सितंबर के बीच में देश में इस बार 'सामान्य' या 'सामान्य से ज्यादा' बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस मॉनसून में 101% बारिश हो सकती है. इसके 4% ज्यादा या कम होने की भी अनुमान है.
इसी के साथ ये लगातार तीसरा साल होगा जब देश के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी बारिश होगी और इसका सीधा असर फसलों पर पड़ सकता है.
अगले दो दिन में क्या होगा?
मौसम विभाग ने ये भी बताया कि अगले दो दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों, केरल के बाकी हिस्सों और लक्षद्वीप के दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और मध्य बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ने की संभावना है.मई के महीने में केरल में अच्छी बारिश हुई है, जो सामान्य गर्मी की बारिश से काफी अधिक है.
मॉनसून से पहले उत्तर भारत में हो सकती है बारिश
उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में अगले कुछ दिनों में प्री-मॉनसून बारिश हो सकती है. हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के इलाोकं में प्री-मॉनसून बारिश देखी जा सकती है. दिल्ली/एनसीआर में कई जगह गुरुवार को बादल छाए रहे और यूपी की राजधानी लखनऊ में झमाझम बारिश देखी गई.
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