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DYFI एक्टिविस्ट की मौत पर ममता बनर्जी- ‘परिवार ने नहीं की शिकायत’

CPI (M) ने कहा यह ‘हत्या’ है, टीएमसी बोली यह ‘खुदकुशी’ है

Published
भारत
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पश्चिम बंगाल में DYFI के कार्यकर्ता की मौत पर बढ़ते राजनीतिक बवाल के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सफाई दी है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा है कि ‘इस घटना को लेकर मृतक के परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं दर्ज की गई है और सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही आएगी.’

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पश्चिम बंगाल में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के एक्टिविस्ट की मौत हो गई. 11 फरवरी को पुलिस के साथ हुई झड़प में DYFI के कार्यकर्ता मैदुल इस्लाम मिड्डा घायल हो गए थे. इसके बाद 15 फरवरी को मिड्डा ने दम तोड़ दिया.

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पीटीआई के अनुसार, मैदुल मिड्डा की मौत से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव पैदा हो सकता है. सीपीआई (एम) ने इसके लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं टीएमसी ने मिड्डा की मौत को खुदकुशी बताया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘तृणमूल कांग्रेस की सरकार हर मोर्चे पर अपना नियंत्रण खो चुकी है.’

एक्सप्रेस के अनुसार कोलकाता पुलिस का कहना है कि मिड्डा के मौत कारणों की पुष्टि होना अभी बाकी है. पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

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क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 11 फरवरी को लेफ्ट पार्टियों के यूथ और स्टूडेंट्स संगठनों राज्य सचिवालय पर हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, साथ ही आंसू गैसे के गोले व वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.

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न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार प्रदर्शन के वक्त पुलिस के साथ हुई इस झड़प में DYFI के एक्टिविस्ट मैदुल इस्लाम मिड्डा घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए साउथ कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया.

प्रदर्शन में घायल होने के बाद से ही मिड्डा की हालत गंभीर बनी हुई थी और सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई. अस्पताल का कहना है कि खून अधिक बह जाने की वजह से मिड्डा की मौत हुई है.

PTI की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता पुलिस ने कहा है कि इस मामले में कोलकाता के सेक्सपियर सरानी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है.

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कौन था मैदुल मिड्डा?

द हिन्दू के अनुसार, 31 वर्षीय मैदुल मिड्डा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया का सदस्य था, जो कि कम्यूनिस्ट पार्टी की यूथ इकाई है.

मिड्डा पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के कोटुलपुर का रहने वाला था.

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मिड्डा की मौत पर सियासत

CPI (M) के नेता सुजन चक्रबर्ती ने PTI से कहा कि पुलिस लाठीचार्ज की घटना टीएमसी सरकार की हताशा और डर को दिखाती है.

उन्होंने कहा कि यह एक हत्या है. प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर हुआ लाठीचार्ज यह दर्शाता है कि टीएमसी की सरकार बेहद डरी हुई है.

सुजन चक्रबर्ती ने मिड्डा की मौत के लिए पूरी तरह से ममता बनर्जी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

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वहीं पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मिड्डा की मौत बेहद दुखद है और यह घटना दर्शाती है कि राज्य में टीएमसी सरकार अपना नियंत्रण खो बैठी है. पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है वह बिल्कुल गलत है.

CPI (ML) के नेता दिपांकर भट्टाचार्या भी मिड्डा की मौत पर दुख जताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कॉमरेड मिड्डा, तुम्हारा बलिदान न्याय, लोकतंत्र और नौकरी की मांग को लेकर होने वाले युवाओं के आंदोलन को और तेज करेगा.

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पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने मिड्डा की मौत पर ट्वीट करते हुए पूछा कि, मिड्डा की क्या गलती थी?

DYFI कार्यकर्ता मिड्डा की मौत पर TMC के वरिष्ठ नेता और पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने PTI से कहा कि मौत किसी की भी हो दुखद है. साथ ही उन्होंने कहा कि उस दिन पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लिया. मुझे लगता है कि यह खुदकुशी है.

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