(डिसक्लेमर: रिपोर्ट में कई जगहों पर यौन उत्पीड़न का जिक्र किया गया है.)
"वे अपनी सुरक्षा के बिना, अपनी निजी कार में उससे मिलने एक होटल में गए. उसने (महिला) आरोप लगाया कि उसने [होटल में] उसका यौन उत्पीड़न किया." ये बात पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का दूसरा मामला सामने आने के बाद कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर क्विंट हिंदी को बताया.
कोलकाता पुलिस द्वारा 10 मई को पश्चिम बंगाल सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला पिछले साल अक्टूबर में राज्य की एक महिला द्वारा दर्ज की गई शिकायत से संबंधित है, जिसने राज्यपाल पर जनवरी 2023 में दिल्ली के एक होटल में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था.
कुछ हफ्ते पहले राजभवन की एक संविदा कर्मचारी ने राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
पुलिस अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बोस ने उसकी "व्यक्तिगत समस्या" को सुलझाने में मदद करने का वादा किया था.
क्विंट हिंदी ने कई बार राजभवन से संपर्क किया. हमारे एक ईमेल का जवाब देते हुए उन्होंने लिखा कि "ईमेल प्राप्त हो गया है और उसकी जांच की जा रही है." इस बीच, बोस ने अभी तक अपने आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
शिकायतकर्ता ने क्या लगाया आरोप?
अक्टूबर 2023 की शिकायत के बारे में बोलते हुए, पुलिस अधिकारी ने क्विंट हिंदी को बताया कि महिला ने कहा कि वह पहली बार एक समारोह में राज्यपाल से मिली थी.
उसने अपनी शिकायत में कहा कि राज्यपाल उसे एक कार्यक्रम में साथ दिल्ली ले गए और उससे वादा किया कि वह उसे दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी से मिलवाएगें क्योंकि उसने उसे विदेश यात्रा के लिए वीजा संबंधी कुछ समस्या के बारे में बताया था. इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में अपने एक रिश्तेदार को उसके लिए दिल्ली की फ्लाइट टिकट बुक करने का निर्देश दिया. राज्यपाल के रिश्तेदार ने उनके लिए 5-6 जनवरी को दिल्ली के एक लग्जरी होटल में कमरा भी बुक कराया था. बोस दिल्ली के बंग भवन में रुके थे. एक दिन, उसने होटल में महिला से मिलने का फैसला किया.कोलकाता पुलिस अधिकारी
पीड़िता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि गवर्नर कथित तौर पर अपनी निजी कार में अकेले आए और होटल में उसे परेशान किया. अधिकारी ने बताया कि महिला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने होटल के कमरे में उसका यौन उत्पीड़न किया.
जब क्विंट हिंदी सर्वाइवर के पास पहुंचा, तो उसने कहा कि वह अस्वस्थ है और अगले कुछ दिनों में मीडिया से बात करेगी.
राजभवन के कर्मचारी कहते हैं, 'मुझे बहुत असहाय महसूस हुआ'
यह ताजा आरोप राज्यपाल के खिलाफ एक और यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद में आया है. राजभवन की एक कर्मचारी ने आरोप लगाया कि बोस ने दो मौकों पर उसका यौन उत्पीड़न किया , 24 अप्रैल और 2 मई को.
सर्वाइवर ने आरोप लगाते हुए क्विंट हिंदी को बताया, "24 अप्रैल को, जब मैं उनके चैंबर में गई, तो राज्यपाल ने मुझसे कहा कि मैं 'आकर्षक' हूं और दूसरों से अलग हूं और उन्हें एक 'युवा मित्र' की जरूरत है. उन्होंने मुझे समझाया कि उन्होंने मुझे ऑफिस पार्टियों/कार्यक्रमों में नोटिस करना शुरू कर दिया है."
महिला, जो लगभग 20 साल की है, ने आगे आरोप लगाया कि "राज्यपाल द्वारा उसे गलत तरीके से छूने के बाद, राजभवन के तीन कर्मचारियों ने उसे शिकायत दर्ज करने से रोकने की कोशिश की."
सर्वाइवर ने दावा किया कि उन्होंने उसे परिसर के एक कमरे में कैद कर दिया, जबरन उसका मोबाइल फोन और बैग छीन लिया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बारे में उसका मन बदलने की कोशिश की.
एक पैंट्री स्टाफ सदस्य और एक चपरासी ने मुझे रोकने की कोशिश की और जब मैं अपनी मां को फोन करने की कोशिश कर रही थी तो [पूर्व आईएएस] अधिकारी ने मुझे जबरन ईपीबीएक्स कमरे में बंद कर दिया और मेरा फोन छीन लिया. जब मैं कमरे से बाहर भागने की कोशिश कर रही थी तो चपरासी ने मेरा बैग पकड़ लिया और छीनने की कोशिश की.सर्वाइवर
उसने दावा किया, "तब मुझे बहुत असहाय महसूस हुआ और मैंने मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया - और तभी उन्हें एहसास हुआ कि अगर मैं ऐसा करना जारी रखूंगी, तो वे मुसीबत में पड़ जाएंगे और उन्होंने मुझे मेरा फोन और बैग वापस दे दिया. राज्यपाल ने इसके बाद अब मुझे तृणमूल कांग्रेस का एजेंट कहना शुरू कर दिया है."
पुलिस ने शनिवार 18 मई को कहा कि इन तीनों कर्मचारियों के खिलाफ हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया जानकारी देते हुए कहा, "शिकायतकर्ता महिला को 2 मई को गलत तरीके से रोककर राजभवन छोड़ने से रोकने के लिए तीन अधिकारियों को एफआईआर में शामिल किया गया है. हम उस शाम उनकी भूमिका की जांच करेंगे."
पुलिस ने 13 मई को द टेलीग्राफ से पुष्टि की थी कि राजभवन के एक कर्मचारी को राजभवन परिसर के सीसीटीवी फुटेज में एक बैग ले जाते हुए देखा गया था, उन्होंने कहा कि यह उस महिला का था, जिसने बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
कोलकाता पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, "फुटेज शिकायतकर्ता के बयान की पुष्टि करता है कि उसका बैग कोई और ले जा रहा था."
सर्वाइवर ने क्विंट हिंदी से आगे आरोप लगाया, "इसके बाद गवर्नर ने मेरी पहचान जनता के सामने उजागर करने का फैसला किया. मेरी पहचान से समझौता किया गया है."
6 मई को, राज्यपाल ने घोषणा की कि वह 'राजनेताओं' और पुलिस कर्मियों को छोड़कर, 2 मई को राजभवन के परिसर के सीसीटीवी फुटेज को 100 आम लोगों को दिखाएंगे.
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, उत्तरी गेट पर लगे दो सीसीटीवी कैमरों द्वारा कैद की गई लगभग 69 मिनट लंबी फुटेज में महिला 2 मई को शाम 5.33 बजे के आसपास राजभवन के उत्तरी गेट के पास पुलिस चौकी पर पुलिसकर्मियों के पास जाती हुई दिखाई दे रही है.
हालांकि, कुछ सेकंड के लिए, वीडियो में शिकायतकर्ता (उसका चेहरा धुंधला नहीं) को राजभवन की मुख्य बिल्डिंग से बाहर निकलते और उत्तरी गेट के पास परिसर के अंदर तैनात पुलिस कर्मियों से बात करते हुए दिखाया गया.
किसी यौन अपराध से सर्वाइवर/पीड़ित की पहचान उजागर करना कानून के खिलाफ है.
पीटीआई से बात करते हुए सर्वाइवर ने कहा, "मैं जानती हूं कि संवैधानिक छूट के कारण, मौजूदा राज्यपाल को कुछ नहीं होगा. लेकिन उन्होंने जो अपराध किया है, उसके बारे में क्या? मैंने राष्ट्रपति (भारत के) को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया है. मैं उनसे न्याय मांगने के लिए लिख रही हूं और कुछ नहीं."
इस बीच, बोस के खिलाफ नए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्मचारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मुझे नहीं पता कि आज की खबर के बाद भी वह किसी संवैधानिक पद पर रह सकते हैं और छूट का आनंद ले सकते हैं या नहीं."
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