कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने गुरुवार को केंद्रीय सशस्त्र बलों को 8 जुलाई के पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat Election 2023) के नतीजे 11 जुलाई को घोषित होने के बाद 10 दिनों तक पश्चिम बंगाल में तैनात रहने का निर्देश दिया.
जनता और निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया फैसला
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा, “पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं पहले भी हुई हैं. इसलिए जनता और निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मतगणना के दिन के बाद 10 दिनों तक केंद्रीय बल राज्य में तैनात रहेंगे.”
इस बीच, आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए राज्य सरकार के जन संपर्क कार्यक्रम 'सोरासोरी मुख्योमोंत्री' (सीधे मुख्यमंत्री) के शुभारंभ के खिलाफ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर पीठ ने राज्य चुनाव आयोग को चेतावनी दी. ऐसे मामलों में अधिक सावधान रहें.
इस कार्यक्रम के जरिए आम लोग अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचा सकते हैं.
अधिकारी ने आरोप लगाया कि आउटरीच कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल किया गया फोन नंबर वही है, जिसका इस्तेमाल 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई 'दीदी के बोलो' (दीदी को बताएं) नामक एक समान योजना में किया गया था, जो मूल रूप से एक राजनीतिक पहल थी.
एसईसी के वकील किशोर दत्ता ने अदालत को सूचित किया कि विचाराधीन नंबर 15 जून को वापस ले लिया गया था. इसके बाद पीठ ने मामले को सुलझा लिया लेकिन आयोग को चेतावनी देने के बाद ही.
अधिकारी ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया कि एमसीसी का उल्लंघन करते हुए मतदान की तारीख की घोषणा के बाद कुछ पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि, यह मामला भी सुलझ गया, क्योंकि एसईसी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि स्थानांतरण आदेश 24 जून को वापस ले लिए गए थे.
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