ADVERTISEMENTREMOVE AD

WB: गंगासागर जा रहे साधुओं को भीड़ ने पीटा, BJP का आरोप-पुरुलिया में पालघर पार्ट-2

West Bengal: तीन साधु, जो पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले के लिए जा रहे थे, को कथित तौर पर भीड़ द्वारा निर्वस्त्र करते और पीटते देखा गया.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पुरुलिया जिले में भीड़ द्वारा कथित तौर पर साधुओं को निर्वस्त्र कर मारपीट करने का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि उत्तर प्रदेश के तीन साधु, जो पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले के लिए जा रहे थे, उनको कथित तौर पर भीड़ ने निर्वस्त्र कर पीटा. अब इसे लेकर टीएमसी (TMC) और बीजेपी (BJP) के बीच राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है और बीजेपी, ममता बनर्जी पर हमलावर है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर रघुनाथपुर सब-डिविजनल कोर्ट में पेश किया.

क्या है मामला?

यूपी के तीन साधु, एक शख्स और उसके दो बेटे मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर जाने के लिए घर से निकले थे. ये सभी 11 जनवरी को किराए की गाड़ी लेकर पश्चिम बंगाल के लिए निकले.

उन्होंने रास्ते में तीन स्थानीय लड़कियों से रास्ते के बारे में पूछताछ की. लड़कियों को साधुओं पर कुछ शक हो गया और वे चिल्लाते हुए भाग गईं.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने अपहरण का आरोप लगाते हुए साधुओं को पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट की. मामला बढ़ने पर स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप किया और साधुओं को बचाया.

आरोपों पर क्या बोले साधु?

भीड़ द्वारा उन पर हमला किए जाने का दावा करने वाले साधु मधुर गोस्वामी ने बताया..

"हम गंगासागर के लिए जा रहे थे, अचानक रास्ते में गाड़ी को रोक दिया और भीड़ ने मारपीट की-धक्का-मुक्की की. पुलिस प्रशासन ने थाने में लेकर हमको रखा."

इस सवाल पर कि वो लड़कियों के अपहरण कर ले जा रहे थे, साधु मधुर गोस्वामी ने कहा-ऐसा नहीं है. लड़कियों ने हमसे बाद में माफी मांगी. हमने कहा कि हमारा ही कोई पाप होगा, जिस वजह से ये दंड भोगना पड़ा.

वहीं, कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं. हम अब अपने आश्रम जा रहे हैं, गंगासागर नहीं जाएंगे क्योंकि हमारी गाड़ी टूट गई.

BJP ने ममता बनर्जी को घेरा

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस घटना की तुलना ईडी पर भीड़ के हमले से की और दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था का ढांचा ध्वस्त हो गया है.

पूनावाला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. उन्होंने कहा...

पुरुलिया में पालघर पार्ट 2? गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी के गुंडों ने निर्वस्त्र कर पीटा. पश्चिम बंगाल में टीएमसी के राज में शाहजहां को संरक्षण मिलता है, जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है. क्या हिंदू होना गुनाह है? टीएमसी ने राजनीतिक हिंसा को संस्थागत बना दिया है. केंद्रीय एजेंसियों से लेकर साधुओं तक - कोई भी सुरक्षित नहीं है!
शहजाद पूनावाला, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता

इस मामले को लेकर टीएमसी की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना की और इस घटना की तुलना 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग से की.

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर वीडियो शेयर किया और आरोप लगाया कि साधुओं पर हमले के पीछे सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े लोग शामिल थे.

अमित मालवीय जी ने एक्स पर लिखा, "पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बिल्कुल चौंकाने वाली घटना सामने आई है…मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा."

अमित मालवीय, यह दावा करते हुए कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है, उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है.”

बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी हमले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला.

पुरुलिया से चौंकाने वाली घटना; गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा, जिसकी गूंज पालघर त्रासदी से हुई। ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है.
सुकांत मजूमदार,बीजेपी, पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष

इस महीने की शुरुआत में ईडी के अधिकारियों पर बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में अज्ञात लोगों ने हमला किया था, जब वे टीएमसी के कद्दावर नेता और स्थानीय पंचायत नेता शाहजहां शेख की संपत्तियों पर छापेमारी करने के लिए वहां गए थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पालघर लिंचिंग मामला क्या है?

16 अप्रैल, 2020 को महाराष्ट्र के पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ ने देशव्यापी कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र में चोरों के सक्रिय होने की व्हाट्सएप अफवाह पर विश्वास करते हुए साधुओं की कार पर हमला किया. लिंचिंग के सिलसिले में 100 से अधिक ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×