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EU सांसदों के कश्मीर दौरे का खर्च उठाने वाली मादी शर्मा कौन हैं?

जानिए- कौन उठा रहा है EU सांसदों के कश्मीर दौरे का खर्च

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यूरोपियन यूनियन (EU) के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर है. भारत में यूरोपीय संघ के कार्यालय के अनुसार, यह यात्रा यूरोपीय संसद की आधिकारिक यात्रा नहीं है. दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्य ‘निजी’ यात्रा पर हैं.

विदेश मंत्रालय भी इस यात्रा के आयोजन में सीधे तौर पर शामिल होता दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्यों की कश्मीर यात्रा को ‘WESTT’ एनजीओ ने स्पॉन्सर किया है. इस एनजीओ को ब्रिटिश-भारतीय व्यवसायी मादी शर्मा संचालित करती हैं.

सोशल मीडिया पर विमेन्स इकनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) एनजीओ के ईयू सांसदों की कश्मीर यात्रा के लिए फंडिंग करने को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. खास बात ये है कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए 27 सांसदों में 22 सांसद दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करते हैं.

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सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब यूरोपीय संसद के सदस्यों का ये निजी दौरा है, तो उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात क्यों कराई जा रही है? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार उन्हें क्यों जानकारी दे रहे हैं और घाटी में उनके लिए सरकारी इंतजाम क्यों किए जा रहे हैं? इन सभी सवालों के जवाब के लिए WESTT नाम की इस संस्था के बारे में जानना जरूरी है.

WESTT की वेबसाइट के मुताबिक, WESTT को यूनाइटेड किंगडम स्थित उद्यमी मादी उर्फ मधु शर्मा नाम की महिला चलाती है. ये संस्था महिलाओं के आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए काम करती है. राजनीतिक स्तर पर ये संस्था अहम मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाती हैं, लेकिन इससे कोई व्यावसायिक फायदा नही उठाती है.

WESTT मादी शर्मा के नेतृत्व में चल रहे मादी ग्रुप का हिस्सा है. मादी शर्मा कई कंपनियों की प्रमुख हैं. उनकी आयात/निर्यात कंपनी, टूर कंपनी, बिजनेस ब्रोकरेज कंपनी, कंसल्टेंसी फर्म और बैक ऑफिस रिसोर्स सॉल्यूशन कंपनी भी है.

WESTT के कम से कम 14 देशों में उसके सदस्य मौजूद हैं. ये देश हैं- बेल्जियम, क्रोएशिया, फ्रांस, लिथुआनिया, पोलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, भारत, नेपाल, नॉर्थ मेसेडोनिया, तुर्की और पाकिस्तान.

क्या मादी शर्मा ने यूरोपीय सांसदों को बुलाया?

सोशल मीडिया पर मादी शर्मा नाम से यूरोपीय सांसदों को कश्मीरी दौरे पर बुलाने के लिए भेजा गया एक लेटर भी वायरल हो रहा है. इस लेटर में यूरोपीय सांसदों को कश्मीरी दौरे के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात का वादा भी किया गया है. हालांकि, क्विंट हिंदी इस लेटर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

लेटर में प्रतिनिधिमंडल के तीन दिन (28, 29, 30 अक्टूबर) की पूरी यात्रा का ब्योरा बताया गया है. ये लेटर सात अक्टूबर को भेजा गया है.

बताया जा रहा है कि ये वायरल लेटर यूरोपीय संसद (MEP) के लिबरल डेमोक्रेट सदस्य क्रिस डेविस को भेजे गए मेल का स्क्रीनशॉट है. क्रिस डेविस को भी यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन बाद में निमंत्रण वापस ले लिया गया.

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