दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवी को किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में गिरफ्तार किया है. रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने उत्तरी बेंगलुरु स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया. फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैंपेन के संस्थापकों में से एक दिशा ने कथित रूप से टूलकिट को एडिट करके इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाया था. आपको बताते हैं कि दिशा रवि कौन हैं, वो क्या करती हैं और वो कैसे एनवायरमेंट एक्टिविस्ट बनीं.
कौन हैं दिशा रवि?
22 साल की दिशा रवि बेंगलुरु के माउंट केरमल कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. दिशा क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप फ्राइजेड फॉर फॉर्च्यून का हिस्सा हैं. ये समूह ग्रेटा थनबर्ग ने 2018 में शुरु किया था. 2019 में दिशा रवि ने इसी ग्रुप की भारतीय शाखा शुरू की थी.
जलवायु परिवर्तन पर काम करने के पीछे रही ये वजह
ऑटो रिपोर्ट अफ्रीका को 2020 में दिए इंटरव्यू में दिशा रवि ने बताया कि उनके दादा-दादी खेती किसानी करते हैं और वो जलवायु परिवर्तन की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. यही बात दिशा के पर्यावरण पर काम करने की प्ररेणा बनी.
स्क्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक रवि के सहयोगी बताते हैं कि वो एक ऐसी इंसान हैं जो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े काम और सिद्धांतों को लेकर अडिग हैं. वो शाकाहारी हैं और शाकाहारी स्टार्टअप के लिए काम करती हैं. उनके सहयोगी बताते हैं कि वो हमेशा एक्टिव रहती हैं. 'कोई भी मुद्दा हो, कहीं भी हो, वो जरूर उस पर बात करती हैं. इसलिए मैं उन्हें जानता/जानती हूं.'
देश-दुनिया की पत्रिकाओं में छप चुकी हैं दिशा
बतौर युवा जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाले समाजसेवी के तौर पर उनका नाम देश दुनिया के कई सारे पत्र पत्रिकाओं में आ चुका है. हाल ही में जलवायु परिवर्तन को लेकर बेंगलुरु में आयोजित हुए एक कार्यक्रम को लेकर गार्डियन ने न्यूज रिपोर्ट की थी. रवि ने अखबार से बातचीत में कहा था- ‘हम सिर्फ अपने भविष्य को लेकर नहीं लड़ रहे, बल्कि हमारी लड़ाई वर्तमान को लेकर भी है.’
प्रदर्शनों में आगे रहती हैं दिशा
फ्राइडे फॉर फ्यूचर के लिए काम करते हुए दिशा रवि प्रदर्शन करती रहती थीं. न्यूजमिनिट ने दिशा रवि के दोस्तों और सहयोगियों से बात की है. उनके सहयोगियों का कहना है कि वो बेंगलुरु झील सफाई, वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों में आगे रहती थीं. वो शाकाहार को बढ़ावा देती थीं और वो जानवरों पर हो रहे जुल्म को लेकर भी आवाज उठाती रहती थीं.
गिरफ्तारी के बाद हो रही आलोचना
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं और बाकी हस्तियों ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दिशा की गिरफ्तारी के मामले पर ट्वीट कर कहा, ''पूरी तरह भयानक! यह अनुचित उत्पीड़न और धमकी है. मैं दिशा रवि के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता हूं.''
कोर्ट की कार्यवाही के दौरान क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि जज के सामने रो पड़ीं. दिशा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देव सरोहा को बताया कि टूलकिट उसने नहीं बनाया था, बल्कि किसानों के समर्थन में सिर्फ दो लाइनों को एडिट किया था. हालांकि दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा ने टूलकिट को एडिट किया था. दिशा के मोबाइल को बरामद कर लिया है लेकिन डेटा डिलीट कर दिया गया है.
क्या है टूलकिट से जुड़ा मामला?
26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के दौरान सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के समय टूलकिट मिला था. इस टूलकिट में किसान आंदोलन को लेकर एक प्रायर एक्शन प्लान नाम का सेक्शन था. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि आंदोलन के दौरान क्या करना है.
इस टूलकिट को पर्यावरण संरक्षक ग्रेटा थनबर्ग ने भी शेयर किया था. हालांकि बाद में उन्होंने इसे हटा लिया था. टूल किट मामले में इसके लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि FIR में किसी व्यक्ति का नाम नहीं था, ये सिर्फ टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ था.
पुलिस जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन से है और इस मामले में दिल्ली पुलिस लगातार इन्वेस्टिगेशन कर रही है. इसी केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस का कहना है कि दिशा की गिरफ्तारी के बाद अब उसे शातंनु और निकिता को गिरफ्तार करना है.
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