गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 17 मार्च को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 18 मार्च को गोवा में एक तरफ जहां उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियां सरकार बनाने की जोड़-तोड़ में लगी थीं. शाम को पर्रिकर का अंतिम संस्कार किया गया और देर रात नए सीएम ने शपथ ले ली.
आखिर, ऐसी क्या वजह थी कि बीजेपी ने सुबह होने का भी इंतजार नहीं किया और प्रमोद सावंत ने सोमवार को ही देर रात दो बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.
गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें हासिल की थी, लेकिन बीजेपी सहयोगी पार्टियों की मदद से सरकार बनाने में कामयाब रही थी.
गोवा में बीजेपी ने अपने 13 विधायक, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रीय गोमांतक पार्टी के 3-3 विधायक और 3 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
लेकिन अब ये आकंड़ा घटकर 36 रह गया है.
- मनोहर पर्किर के निधन के बाद एक सीट खाली हुई
- बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा का भी हाल ही में देहांत हुआ था
- बीजेपी के 2 विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं
बीजेपी के लिए चिंताजनक थे हालात
- गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा किया. कांग्रेस का कहना था कि 2017 में सहयोगी पार्टियों ने साफ कहा था कि वो यहां पर्रिकर की वजह से हैं, न कि बीजेपी की. इसलिए कांग्रेस ने मान लिया कि पार्टियां अब गठबंधन का हिस्सा नहीं रहना चाहतीं.
- दूसरा, दोनों सहयोगी पार्टियां अपने विधायक को बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहती थीं. इसमें जितनी देर होती, विधानसभा भंग होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती.
यही वजह है कि बीजेपी को अपने सहयोगी दलों को साधने के लिए गोवा में दो डिप्टी सीएम बनाने पड़े. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक सुदीन दहवलकर को गोवा में डिप्टी सीएम का पद दिया गया है.
बहरहाल, अब दोनों सहयोगी दलों को डिप्टी सीएम का पद देकर बीजेपी गोवा के सियासी गणित को सेट कर चुकी है. लेकिन अब सीएम प्रमोद सावंत को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना है.
कौन हैं गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत?
गोवा के नए सीएम 46 साल के प्रमोद सावंत आयुर्वेदिक डॉक्टर भी हैं. सावंत गोवा के संकेलिम विधानसभा सीट से विधायक हैं.
प्रमोद सावंत की राजनीति में एंट्री साल 2008 नें हुई थी. पहली बार प्रमोद ने उपचुनाव में किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. प्रमोद सावंत ने 2012 के विधानसभा चुनाव में संकेलिम (जोकि अब सखाली है) से कांग्रेस के प्रताप गौंस को हराकर गोवा विधानसभा में कदम रखा.
2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को हराया. 2017 चुनावों के बाद बीजेपी की सरकार में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया. वह किसी भी विधानसभा में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे.
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