देश में कोरोना वायरस की दूसरी वेव की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पिछले तीन दिनों से 4 लाख से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं. WHO की चीफ साइंटिस्ट का कहना है कि भारत में फैल रहा एक वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है और शायद वैक्सीन सुरक्षा को भी मात दे रहा है. साइंटिस्ट ने कहा कि भारत में हुए आउटब्रेक के लिए यही जिम्मेदार है.
न्यूज एजेंसी AFP के साथ इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी दी कि 'जो एपिडिमियोलॉजिकल फीचर हमें आज भारत में देखने को मिल रहे हैं, वो बताते हैं कि ये बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है.' स्वामीनाथन एक पीडियाट्रिशियन और क्लीनिकल साइंटिस्ट हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में पहली बार देखा गया Covid-19 का B.1.617 वैरिएंट का साफ तौर पर भारत में जारी कहर में बड़ा योगदान है.
“इस त्रासदी के लिए कई चीजें जिम्मेदार हैं और एक तेजी से फैलने वाला वायरस उनमें से एक है.”सौम्या स्वामीनाथन
एंटीबॉडीज का वैरिएंट पर असर नहीं?
WHO ने अभी तक इस वैरिएंट को 'चिंताजनक वैरिएंट' घोषित नहीं किया है. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, "ये चिंताजनक वैरिएंट हो सकता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसी म्यूटेशन हैं जो इसे ज्यादा संक्रामक बनाती हैं, इस पर वैक्सीनेशन या संक्रमण के बाद बनीं एंटीबॉडीज का असर कम कर सकती हैं."
हालांकि, स्वामीनाथन ने कहा कि सिर्फ वैरिएंट को भारत में बढ़े मामलों और मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि 'बड़ी-बड़ी गेदरिंग और सोशल मिक्सिंग' देख ऐसा लगता है देश ने सावधानी बरतनी छोड़ दी थी.
स्वामीनाथन ने कहा कि सिर्फ वैक्सीन से स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “अगर साल नहीं तो कई महीने तो लगेंगे ही जब तक भारत में 70-80 फीसदी लोगों को वैक्सीन मिल पाए.”
स्वामीनाथन का कहना है कि इसके अलावा पब्लिक हेल्थ को लेकर कदम उठाने पड़ेंगे जिससे संक्रमण फैलना रुक जाए.
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