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आरे केस: मेट्रो शेड शिफ्ट करना प्रोजेक्ट लागत 4000 करोड़ बढ़ा देगा?

उद्धव ठाकरे के फैसले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने ऐसा दावा किया है

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महाराष्ट्र सरकार के मेट्रो कार शेड आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग शिफ्ट करने के फैसले की राज्य की बीजेपी यूनिट ने कड़ी आलोचना की है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार का ये फैसला 'सिर्फ अहंकार को संतुष्ट' करने के लिए लिया गया है. फडणवीस ने दावा किया कि इस फैसले से प्रोजेक्ट की लागत कम से कम 4000 करोड़ रुपये से बढ़ जाएगी.

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बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार ने कांजुरमार्ग की साइट पर विचार किया था लेकिन वो जमीन केस में फंसी हुई है और हाई कोर्ट ने स्टे लगा रखा है. फडणवीस ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2015 में निर्देश दिए थे कि अगर केस भविष्य में सेटल होता है, तो 2,400 करोड़ जमा कराने होंगे.

उस केस का आज स्टेटस क्या है? और अगर कोई सुप्रीम कोर्ट चला गया, तो देरी का जिम्मेदार कौन होगा? इसके अलावा कांजुरमार्ग की साइट कीचड़दार इलाका है, तो कम से कम दो साल उसे स्थिर करने में लगेंगे.
देवेंद्र फडणवीस

फडणवीस का कहना है कि लागत और बढ़ जाती है जब ये बात ध्यान में रखी जाए कि पिछले टेंडर रद्द करने होंगे और नई साइट के लिए एक फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करनी होगी.

फडणवीस ने ट्वीट किया, "इसका मतलब है कि जो मेट्रो प्रोजेक्ट मुंबईकरों के लिए अगले साल से सर्विस में हो सकता था, वो अब अनिश्चितकालीन के लिए टल गया है. आरे कार शेड पर 400 करोड़ पहले ही खर्च हो चुके हैं, स्टे होने की वजह से 1300 करोड़ खराब हो गए और अब 4000 करोड़ की लागत में वृद्धि."

महाराष्ट्र सरकार का इस बढ़ी लागत पर अभी बयान आना बाकी है. लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे ट्विटर पर कह चुके हैं कि नई जमीन 'जीरो कॉस्ट' पर आवंटित की गई है.

कार शेड अब आरे से कांजुरमार्ग शिफ्ट किया जाएगा तो सवाल उठेंगे कि इसकी लागत कौन भरेगा. मैं साफ करना चाहता हूं कि राज्य सरकार ने मेट्रो की जमीन जीरो कॉस्ट पर आवंटित की है. 
CMO, महाराष्ट्र 
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लागत पर चिंता राजनीतिक चाल?

मुंबई मेट्रो के लिए लागत का बदलना और बढ़ना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में पर्यावरणविद देबी गोयनका का मानना है कि लागत की बात कहना एक राजनीतिक चाल है.

गोयनका ने कहा, "सबसे पहली बात तो ये कि कोई नहीं जानता मेट्रो की खुद लागत कितनी है. उस आंकड़े की जनता के साथ चर्चा नहीं हुई. चाहें वो मेट्रो 3 हो या मेट्रो 6, कोई नहीं जानता. किसी को नहीं पता सिर्फ ढांचा कितने में बनेगा और मैं ये बात लंबे समय से कहता आ रहा हूं कि अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल का खर्चा ही नहीं उठा सकती तो वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है."

उनका कहना है कि मेट्रो 3 कार शेड को कांजुरमार्ग शिफ्ट करने से सरकार का पैसा बच सकता है.

अब क्योंकि मेट्रो 3 और मेट्रो 6 के कार शेड को कांजुरमार्ग पर मिलाया जा रहा है, तो इससे पैसा बचेगा क्योंकि मेट्रो 6 के लिए सीपज से विखरोली तक के ट्रैक बन गए हैं. इसलिए मेट्रो 3 भी वही ट्रैक इस्तेमाल करेगी. ज्यादा से ज्यादा सरकार को 1 या 1.5 किमी का रैंप बनाना होगा दोनों मेट्रो को जोड़ने के लिए. वहीं एक्स्ट्रा लागत होगी. 
देबी गोयनका, कंजर्वेशन एक्शन ट्रस्ट के एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी  

प्रोजेक्ट की आर्थिक स्थिति का आकलन अभी बाकी है, लेकिन सरकार के इस फैसले से मुंबई के फॉरेस्ट कवर आरे कॉलोनी को बचा लिया है.

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