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आयात करने से दाल सस्ती हो जाएगी क्या? पढ़िए क्या मिला जवाब...

मिलेगी सस्ती दाल लेकिन कब तक?

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भारत
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विशेषज्ञ बताते हैं कि हां, दाल आयात करने से बढ़ती कीमतों को रोका जा सकता है, लेकिन ये सही उपाय नहीं है.

पहले दाल की आसमान छूती कीमतों पर सरकार क्या कर रही है ये आपको बता दें. नीचे दिए प्वांइटर्स में सरकार के ताजा ऐलान का पूरा लेखा- जोखा है.

स्नैपशॉट

दाल की कीमतों पर काबू पाने का सरकारी प्लान

  • डिमांड और सप्लाई गैप को भरने के लिए केंद्र सरकार गवर्मेंट-टू- गवर्मेंट कॉन्ट्रैक्ट प्लान कर रही है.
  • सरकार विदेश से दाल आयात करने जा रही है.
  • इस साल मांग और सप्लाई में 76 लाख टन से ज्यादा का गैप है.
  • निजी इंपोर्टर्स सिर्फ 60 लाख टन दाल ही आयात कर सकते हैं.
  • इसलिए सरकार गवर्मेंट-टू- गवर्मेंट कॉन्ट्रैक्ट के तहत दाल आयात करने जा रही है.
  • इससे दाल की कीमतें ज्यादा घटेंगी तो नहीं लेकिन कीमतों में इजाफा नहीं होगा.
  • केंद्र सरकार की टीम म्यांमार और दूसरे देशों का दौरा कर आयात की प्रक्रिया में तेजी लाएगी.
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लेकिन एक किलो दाल की कीमत तुम क्या जानो रामविलास बाबू!

मिलेगी सस्ती दाल लेकिन कब तक?
विशेषज्ञों की मानें तो सरकार दाल आयात कर फिलहाल तो कीमतों मे लगी आग बुझाई जा सकती है लेकिन इससे भविष्य में आपको और हमें राहत नहीं मिलने वाली.

क्या कहते हैं जानकार?

सरकार दाल आयात करेगी तो स्वभाविक है कि बढ़ती कीमतों पर लगाम लगेगी. लेकिन भविष्य के लिए सरकार को अपनी पॉलिसी में बदलाव करने चाहिए. सरकार को नॉन- टैरिफ बैरियर हटा देना चाहिए जिससे कि प्राइवेट ट्रेड के जरिए मांग और सप्लाई के बीच का फर्क कम किया जा सकता है. 
राजीव कुमार, सीनियर फेलॉ, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च

वहीं इंडिया रेंटिग्स और रिसर्च के प्रिंसिपल इकॉनॉमिस्ट सुनील कुमार सिन्हा बताते हैं कि सरकार को इस समस्या की जड़ पर ध्यान देना चाहिए, दाल आयात करने से शॉर्ट टर्म के लिए तो कीमतों पर काबू पाया जा सकता है लेकिन अगर लंबी रेस में इस समस्या से निजात पाना है तो पैदावार बढ़ाना एकमात्र उपाय है. अनाज की तरह दलहन पर भी सरकार को ध्यान देना होगा.

ग्लोबल मार्केट में भी दाल का अथाह भंडार नहीं है, ऐसे में अगर हम साल- दर- साल दाल आयात पर ही निर्भर नहीं रह सकते. दिक्कत ये भी है कि दाल को ज्यादा दिन के लिए स्टोर भी नहीं किया जा सकता. मांग और सप्लाई में जो बड़ा फर्क आया है उसकी सबसे बड़ी वजह कम पैदावार है. सरकार को दलहन की खेती पर ध्यान देना होगा, पैदावार बढ़ाने के सारे टूल्स का इस्तेमाल करना होगा. तभी बढ़ती कीमतों की समस्या से निजात मिलेगी. 
सुनील कुमार सिन्हा, अर्थशास्त्री
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कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि फिलहाल तो सरकार के आयात प्लान से कीमतों में लगी आग पर पानी फिरेगा, लेकिन ये कबतक होगा इसकी कोई गारंटी नहीं है. सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे, पैदावार बढ़ाना होगा, दाल व्यापार में रियायतें देनी पड़ेंगी, एक्सपोर्ट- इंपोर्ट को बेड़ियों से आजाद करना पड़ेगा.

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