संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया है. लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों और लखीमपुर खीरी केस में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा जारी रहा.
राज्यसभा बुधवार को अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. बुधवार को कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. सत्र की शुरुआत में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अयोध्या में कथित भूमि घोटाले का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन सभापति ने अनुमति नहीं दी.
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन ठीक से नहीं चल सकी और सभी को सहयोग करना चाहिए और फिर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया.विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में विधेयकों को आगे बढ़ाना चाहती है, इसलिए उसने सांसदों को निलंबित कर दिया.
मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन ने नियम पुस्तिका फेंक दी और कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. गोयल ने 12 निलंबित सांसदों से माफी भी मांगी और बाद में डेरेक को निलंबित कर दिया गया.
वहीं लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह 11 बजे सदन के शुरू होने के तुरंत बाद ,स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन शीतकालीन सत्र के समापन की ओर बढ़ रहा है.
सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन के 83 घंटे 12 मिनट के 18 सत्र हुए। सदन की उत्पादकता 82 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि विरोध के कारण 18 घंटे 46 मिनट का नुकसान हुआ.
पहले यह सत्र शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक था, लेकिन हंगामे की वजह से सरकार ने इस सत्र को एक दिन पहले ही खत्म कर दिया. इससे पहले मंगलवार को टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को चेयर के ऊपर रूल बुक फेंकने के आरोप में पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.
सरकार के इस फैसले के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-
सरकार ने पहले ही दिन 12 संसदों को निलंबित किया जो नियमों के खिलाफ है. हमने सरकार से चर्चा के माध्यम से इस मामले का समाधान निकालने के लिए भी बोला था. केंद्र सरकार अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाना चाहती इसलिए उन्होंने ऐसा किया.
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