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WIPRO को बढ़ानी थी सैलरी लेकिन थमा दी बाहर निकालने वाली चिट्ठी

कंपनी से छंटनी की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और निकाले जाने वालों की संख्या 2000 तक पहुंच सकती है.

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भारत
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जहां अप्रैल के महीने में प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अपने सालाना अप्रैजल का इंतजार कर रहे होते हैं उस वक्त सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने अपने 600 कर्मचारियों को निकाल दिया है.

विप्रो ने कर्मचारियों के कामकाज की सालाना समीक्षा और उनके प्रदर्शन को देखते हुए सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विप्रो ने “एनुअल अप्रैजल” के दौरान इन कर्मचारियों को “खराब प्रदर्शन” के आधार पर निकाला है.

सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि कंपनी से छंटनी की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और निकाले जाने वालों की संख्या 2000 तक पहुंच सकती है.

दिसंबर 2016 के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख से अधिक थी. विप्रो ने बताया कि वह नियमित आधार पर कर्मचारियों के कामकाज का इवैल्यूएशन करती रहती है. यह कंपनी की रणनीति और ग्राहक की जरुरत के अनुसार किया जाता है.

विप्रो में 1.79 लाख लोग करते हैं काम

सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो में साल 2016 तक करीब 1.79 लाख कर्मचारी काम करते थे. पीटीआई को दिए अपने बयान में विप्रो के एक अधिकारी ने कहा कि

कंपनी नियमित तौर पर कर्मचारी के परफॉरमेंस की जांच करती है. ताकि अपने कारोबारी लक्ष्यों, जरूरी स्ट्रेटेजी और अपने कस्टमर के मांग के मुताबिक कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सके.

कंपनी 25 अप्रैल को साल 2016 की अंतिम तिमाही का कारोबारी ब्योरा और इयरली फाइनेंसियल रिपोर्ट पेश करने वाली है.

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