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... तो बेटे का नाम ‘UBER’ रखना चाहती हैं बबली

इमरजेंसी में कैब में डिलीवर किया बच्चा, अब कैब सर्विस के नाम पर रखेंगी बच्चे का नाम

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भारत
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“पहले तो मुझे गुस्सा ही आया था कि जहां एक एबुलेंस की जरूरत थी, वहां इन लोगों ने एक टैक्सी ड्राइवर को क्यों बुलाया है. लेकिन कुछ ही वक्त में मुझे यह अंदाजा हो गया कि मामले को अब मुझे ही संभालना होगा.” यह कहना है दिल्ली के टैक्सी ड्राइवर शाहनवाज खान का, जिनकी मदद से देवली गांव में रहने वाली बबली एक स्वस्थ बेटे को जन्म दे पाई या कहें कि उसे बचा पाई.

अब बच्चे को जन्म देेने के बाद बबली की खुशी का ठिकाना नहीं है और वह उसका नाम कैब कंपनी UBER के नाम पर रखना चाहती हैं.

रोजमर्रा की तरह एक आम कॉल थी वो...

शाहनवाज पूरे वाकये को याद करते हुए बताते हैं,’शाम के कोई 8 बजे होंगे, जब मेरे पास पिकअप रिक्वेस्ट आई. पहले मैं उसे रिजेक्ट करने वाला था, लेकिन जब पता लगा कि क्लाइंट को अस्पताल लेकर जाना है़, तो मैं पिकअप के लिए चला गया.’

हालांकि शाहनवाज को पिकअप रिक्वेस्ट सुनील के नाम से आई थी. जबकि अस्पताल बबली को लेकर जाना था.

दरअसल, बबली के पति का कुछ दिनों पहले एक्सीडेंट हो गया था, जिस वजह से उसे अस्पताल ले जाने का बंदोबस्त नहीं हो पाया. ऐसे में पड़ोसी सुनील ने कैब बुक करवाई.

शाहनवाज बताते हैं,’मैं जब बबली को पिक करने पहुंचा, तो उनकी हालत काफी खराब थी. मैंने जैसे-तैसै उन्हें कार में बिठाया और सफदरजंग अस्पताल के लिए निकला. लेकिन अंसल प्लाजा मॉल तक पहुंचकर बबली की हिम्मत जवाब दे गई और उन्होंने कार की पिछली सीट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.”
इमरजेंसी में कैब में डिलीवर किया बच्चा, अब कैब सर्विस के नाम पर रखेंगी बच्चे का नाम
दिल्ली के टैक्सी ड्राइवर शाहनवाज खान (फोटो : ANI)
मुझे खुशी है कि मैं मां और बच्चे, दोनों को बचा पाया. मैं जब पिकअप के लिए पहुंचा था, तो उन लोगों ने कहा कि हमने एबुलेंस इसलिए नहीं बुलाई, क्योंकि एबुलेंस वाले इस इलाके में आने से मना कर देते हैं. बाकी शहर में ट्रैफिक और रेड लाइट्स का बुरा हाल है, इसलिए काफी हाथपैर मारने के बाद भी वक्त रहते अस्पताल नहीं पहुंच पाया.
शाहनवाज खान, टैक्सी ड्राइवर

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