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गोंडा:‘रेप केस पर देते थे धमकी,अब जिंदा जला दिया’-मौत से पहले बयान

पुलिस एक्शन में अब भी वैसी ही ढिलाई कर रही है, जैसी पहले की थी-मृतका का बेटा

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भारत
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यूपी के गोंडा में एक महिला को जिंदा जला दिया गया. महिला ने मरने से पहले अपराधियों का नाम लिया लेकिन पुलिस को नामजद करने में 17 से ज्यादा दिन लग गए. इन्हीं आरोपियों में से एक पर 6 साल पहले मृतक महिला के परिवार की लड़की को किडनैप कर रेप करने का आरोप लगा था. उस मामले में इनपर अरेस्ट वारंट भी निकला था.

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मौत से पहले बयान में क्या कहा?

कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के गांव बेनीनगर खैरा निवासी श्रीराम कोरी का आरोप है उनकी पत्नी श्रीदेवी शौच के लिए घर से बाहर निकली थीं, जब आरोपियों ने उन्हें जिंदा जला दिया. उनकी चीख सुनकर परिवार के लोग बाहर निकले तो देखा वह जल रही हैं. वारदात एक मार्च की थी. गांव के सुरेश कुमार ने अपनी गाड़ी से इलाज के लिए गोंडा के जिला अस्पताल पहुंचाया. गम्भीर हालत की वजह से श्रीदेवी को वहां से 2 मार्च को लखनऊ के सिविल अस्पताल रिफर किया गया. श्रीदेवी के पति का कहना है कि श्रीदेवी ने अपना बयान पुलिस और मीडिया के समक्ष दिया. बयान का वीडियो क्विंट के पास है.

रात 10-11 बजे शौच के लिए खेत गई. लौटते समय हमको पकड़ कर मिट्टी तेल से नहला दिया. फिर माचिस की तीली मार दी, छोटू बाबू, छोटू और संतोष शुक्ला थे.
मौत से पहले श्रीदेवी का बयान 

पुलिस पर आरोप

श्रीदेवी के पति श्रीराम का भी आरोप है कि गांव के संतोष शुक्ला, छोटे बाबू पांडेय, छोटू पांडेय ने पत्नी को ज़िंदा जला दिया लेकिन पुलिस ने अज्ञात पर FIR दर्ज की. जिस ड्राइवर ने अपनी गाड़ी से हम लोगों को ज़िला अस्पताल पहुंचने में मदद की उसको पुलिस ने चार दिन थाने में रख कर बुरी तरह मारा. उसका कुसूर बस इतना था कि उसने हमारी मदद की.

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24 मार्च को क्विंट ने कोतवाली नगर थाना की सेमरा चौकी के दरोगा अश्विनी कुमार पांडेय से नामजद FIR न होने के बारे में पूछा तो उन्होंने ये कहा था-

अबतक किसी ने भी अपराधियों को मृतका को जलाते हुए नहीं देखा है. इस लिए अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. मृतिका का जो बयान लखनऊ में दर्ज किया गया है वो अभी तक हमारे पास साक्ष्य के तौर पर नहीं आया है. जब साक्ष्य मजिस्ट्रेट के पास आ जाएगा तो उनकी ही इजाजत के बाद हम साक्ष्य देख पाएंगे. साक्ष्य के अनुसार ही कार्यवाई होगी.

17 दिन में नामजद नहीं

25 मार्च को क्विंट ने फिर से अश्विनी कुमार पांडेय से पूछा कि FIR में आरोपियों के नाम लिखे गए या नहीं? इस बार पांडेय ने बताया कि आरोपी नामजद हो चुके हैं और उन्हें जेल भेजा जा चुका है. IPC 326 में FIR लिखी गई है. पांडेय का कहना है कि अभी और धाराएं जुड़ेंगी.

बता दें कि मृतिका ने अपने बयान में आरोपियों के नाम 6 और 7 मार्च के बीच ली थी. यानी 17 दिन तक आरोपी नामजद नहीं हुए थे. मृतका के बेटे सोनू कुमार ने क्विंट से कहा कि दरअसल पुलिस का जो रवैया अब है, वही रवैया पहले भी था.

2015 में हमारी बहन के अगवा होने के बाद हम लोगों ने 3-4 दिन तक ढूंढा. नहीं मिली तो हमने पुलिस में शिकायत की. इन लोगों के ऊपर शक था. कोतवाल ने लड़की को 24 घंटे के अंदर लड़की को ढूंढ कर लाने के लिए कहा. इन लोगों ने 6 घंटे के अंदर लड़की को हाजिर कर दिया.
सोनू कुमार, मृतका के बेटे

सोनू का आरोप है कि-''पुलिस आरोपियों को बचाती रही. फिर कोर्ट से उनकी FIR का आदेश हुआ. 2020 वारंट निकला. फिर ये लोग हमें धमकियां देने लगे कि केस वापस लो नहीं तो जेल जाएंगे लेकिन जाने से पहले कोई कांड कर जाएंगे.'' दोनों ही मामलों में संतोष शुक्ला समान आरोपी है.

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