महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) 21 सितंबर को राज्य सभा (Rajya Sabha) में निर्विरोध पास हो गया है. राज्यसभा में हुई वोटिंग में इस बिल के पक्ष में 215 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े. इस बिल का आधिकारिक नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' है.
एक दिन पहले ही 20 सितंबर को विस्तार से चर्चा के बाद लोक सभा में यह बिल पास हो गया था. लोकसभा में हुई वोटिंग में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े थे जबकि इसके विरोध में 2 वोट पड़े थे.
महिला आरक्षण बिल के दोनों सदनों में पास होने के बाद- लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. हालांकि बिल में मौजूद प्रावधानों और गृह मंत्री अमित शाह के अपने बयान के अनुसार यह आरक्षण 2029 से पहले लागू नहीं होगा.
सदन में मल्लिकार्जुन खड़गे और निर्मला सीतारमण के आरोप-प्रत्यारोप
राज्य सभा में बिल पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "महिलाओं से जुड़े मामलों में हम (बीजेपी) कोई राजनीति नहीं करते. यह प्रधानमंत्री के लिए विश्वास का विषय है और इसलिए हम वह सब कुछ करते हैं जो हमने किया है चाहे वह धारा 370 हो, तीन तलाक हो या महिला आरक्षण विधेयक हो."
इससे पहले राज्यसभा में सांसद कपिल सिब्बल ने महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए कहा कि महिला आरक्षण लागू होने की प्रक्रिया साल 2029 तक पूरी नहीं करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए.
राज्य सभा में बिल पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे.
विपक्ष के नेता मलिक्कार्जुन खड़गे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की स्पीच के बाद कहा कि, "यह बिल तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया जाना चाहिए, इसमें 2029 तक इंतजार करनी की जरुरत नहीं है. इसके साथ ही खड़गे ने सरकार से सवाल पूछा कि यह बिल किस साल के किस महीने में पास होगा यह बता दीजिए इसके साथ ही OBC को कितना लाभ मिलेगा"
"देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण"- पीएम मोदी
राज्य सभा में बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा. "हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण! 140 करोड़ भारतीयों को बधाई."
"मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है. संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं. यह महज एक विधान नहीं है; यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है. भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है. आज जब हम इस मौके को सेलिब्रेट कर रहे हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है. यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए."पीएम मोदी
इससे पहले राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ''इस बिल से देश के लोगों में एक नया आत्मविश्वास पैदा होगा. सभी माननीय सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और 'नारी शक्ति' को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आइए देश को एक मजबूत संदेश दें."
"नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है ऐसा नहीं है बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देने वाली है."पीएम मोदी
विपक्ष ने किस मुद्दे पर बिल को अधूरा बताया?
विपक्ष ने विधेयक के उस प्रावधान की आलोचना की है जिनके अनुसार जनगणना के बाद परिसीमन होगा और उसके बाद ही महिलाओं के लिए कोटा लागू किया जाएगा. साथ ही विपक्ष की मांग थी कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी के लिए भी कोटा के अंदर कोटा का प्रावधान किया जाना चाहिए.
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