Women reservation Bill passed in Lok Sabha: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित हो गया है. सदन में हुई वोटिंग में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 2 वोट पड़े. अब इस बिल को गुरुवार, 20 सितंबर को यानि विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
इस बिल के पारित होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. हालांकि बिल में मौजूद प्रावधानों और गृह मंत्री अमित शाह के अपने बयान के अनुसार यह आरक्षण 2029 से पहले लागू नहीं होगा.
महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहे.
पहली बार महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास
यह पहली बार है जब यह विधेयक लोकसभा से पारित हो सका है. यूपीए सरकार द्वारा तैयार किया गया 2008 का बिल राज्यसभा में ही पास हो सका था, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी आरक्षण की मांग करने वाली पार्टियों ने इसे खारिज कर दिया था. और यह लोकसभा से पास नहीं हुआ.
विपक्ष इस बिल का विरोध क्यों कर रहा?
विपक्ष ने विधेयक के उस प्रावधान की आलोचना की है जिनके अनुसार जनगणना के बाद परिसीमन होगा और उसके बाद ही महिलाओं के लिए कोटा लागू किया जाएगा. साथ ही विपक्ष की मांग है कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी के लिए भी कोटा के अंदर कोटा का प्रावधान किया जाना चाहिए.
"महिला आरक्षण बिल का विरोध किया तब भी यह 2029 के बाद लागू होगा"- अमित शाह
सदन में आज राहुल गांधी के बाद बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ओबीसी, मुसलमानों का आरक्षण नहीं है. अगर आप इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं तो क्या आरक्षण जल्दी होगा? उस स्थिति में भी 2029 के बाद आएगा. अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं तो कम से कम महिला आरक्षण की गारंटी तो हो जायेगी".
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