नोटबंदी के इस दौर में जहां लोग कैश के बिना बेहाल हैं, ऐसे में अगर किसी के अकाउंट में 1-2 करोड़ नहीं, पूरे 100 करोड़ आ जाएं, तो उस इंसान को खुशी नहीं, बल्कि डर सताने लगता है.
इस बात से परेशान यूपी की एक महिला सोमवार को अपनी शिकायत लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंची.
मेरठ की रहने वाली शीतल यादव का जनधन अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच में है. उनके अकाउंट में कहीं से 100 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
जब भी वह इस बात की शिकायत लेकर बैंक जातीं, तो बैंक अधिकारी उन्हें बाद में आने के लिए कह देते, जिससे आजिज आकर उन्होंने प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है.
जमा अमाउंट देखकर चौंकी
शीतल के पति जिलेदार सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई अपनी शिकायत में कहा है कि उनका मेरठ में शारदा रोड स्थित एसबीआई ब्रांच में जनधन अकाउंट खुला है.
18 दिसंबर को उनकी पत्नी शीतल घर के पास आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम बूथ से पैसा निकालने गईं, तो यह देखकर चौंक गईं कि उनके अकाउंट में 99,99,99,394 रुपये हैं.
उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ, तो उन्होंने पास ही खड़े एक शख्स से अकाउंट में जमा राशि देखने की रिक्वेस्ट की. उस शख्स ने भी इतना अमाउंट होने की बात कही. इसके बाद वह दोबारा कन्फर्म करने के लिए यस बैंक के एटीएम गईं, लेकिन वहां भी अनके अकाउंट में इतने पैसे जमा होने की जानकारी मिली.
बैंक ने नहीं की सुनवाई
इसकी शिकायत लेकर वह लगातार दो दिन बैंक गईं, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनकी शिकायत ही नहीं सुनी और कहा कि वो किसी ऐसे दिन आएं, जब बैंक मैनेजर उनकी शिकायत सुन सकें. लेकिन जब अगली बार वह बैंक गईं, तो उन्हें किसी और बहाने से वापस भेज दिया गया.
शीतल के पति जिलेदार सिंह एक प्राइवेट कारखाने में काम करते हैं. जिलेदार सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी भी एक निजी कारखाने में काम करती हैं और उन्हें 5,000 रुपये हर महीने की तनख्वाह मिलती है और उनकी अपनी तनख्वाह काफी कम है.
बैंक कर्मचारियों के रवैये से तंग आकर जिलेदार सिंह ने एक पढ़े-लिखे व्यक्ति की मदद से प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायती मेल किया.
हमने 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल कर मदद की गुहार लगाई है कि जब जनधन खाते में अधिकतम 50,000 रुपये ही जमा करवाए जा सकते हैं, तो ये 100 करोड़ रुपये कहां से आए.जिलेदार सिंह, शीतल का पति
मामले को लेकर अभी तक बैंक का कोई भी अधिकारी बयान देने को तैयार नहीं है.
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