नोटबंदी से देश को क्या मिला? ये सवाल आज शायद हर एक भारतीय जानना चाहता है. ऐसे में वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सफल नोटबंदी से सतत आधार पर रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी, क्योंकि अधिक से अधिक लोग टैक्स के दायरे में आएंगे.
भारत ने वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अतिरिक्त टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है.इसका कारण टैक्स माफी योजना और नोटबंदी के जरिए कालेधन का पता चलना है.
ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू राज्यों के शेयर समेत, बजट में तय किए गए लक्ष्य 10.8 फीसदी से बढ़कर 11.3 फीसदी पहुंच गया.
इसका मुख्य कारण पेट्रोलिएम उत्पादों पर उम्मीद से अधिक एक्साइज ड्यूटी का कलेक्शन किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी का डायरेक्ट टैक्स पर केवल तटस्थ प्रभाव पड़ा है. ये बजटीय लक्ष्य जीडीपी के 5.6 फीसदी के दायरे में है.
वर्ल्ड बैंक ने भारत में नोटबंदी पर अपनी रिपोर्ट ‘इंडियाज ग्रेट करेंसी एक्सचेंज (इंडिया डेवलपमेंट अपडेट)' में कहा है,
नोटबंदी अगर टैक्स अधिकारियों को रिपोर्ट की जाने वाली आय बढ़ाने में सफल होती है तो रेवेन्यू में स्थाई रुप से बढ़ोतरी हो सकती है.
बता दें कि भारत सरकार ने 8 नवंबर को तत्काल प्रभाव से 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया था. ये कुल नकदी का करीब 86 फीसदी था. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी में असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र में लाने की क्षमता है.
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