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ओलंपिक में मेडल से सलाखों तक कैसे पहुंच गया सुशील कुमार-पूरी कहानी

सुशील कुमार को उनके जूनियर रेसलर सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में किया गया है गिरफ्तार

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भारत
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भारत को रेसलिंग में दो ओलंपिक पदक दिलाने वाले सुशील कुमार फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं. अपने जूनियर रेसलर सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद सुशील कुमार पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं, सुशील के कई बड़े आपराधिक लोगों के साथ संबंध और जूनियर पहलवानों में अपना खौफ पैदा करने की कोशिश जैसी बाते सामने आ रही हैं. लेकिन एक चैंपियन सलाखों के पीछे कैसे पहुंच गया?

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नजफगढ़ के छोटे से गांव से हुई थी शुरुआत

सुशील कुमार ने भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया था. जिसके बाद कामयाबी उनके कदम चूम रही थी. तमाम विज्ञापन और रेलवे की तरफ से दी गई नौकरी उनके कमाई के साधन थे. सुशील कुमार दिल्ली के नजफगढ़ में बापरोला गांव से आते हैं. उनके पिता पेशे से ड्राइवर का काम करते थे. सुशील कुमार को बचपन से ही पहलवानी का शौक था. इसीलिए करीब 14 साल की उम्र में ही वो दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेने लगे.

यहां उनके गुरु बने अर्जुन पुरस्कार विजेता सतपाल, जिन्होंने सुशील को पहलवानी के गुर सिखाए. बाद में सुशील की शादी भी सतपाल की बेटी के साथ हुई.

करियर को मिली बड़ी उड़ान

सुशील कुमार देखते ही देखते एक शानदार रेसलर के रूप में उभरने लगे. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई मुकाबले जीते और तमाम पुरस्कार अपने नाम किए. फिर चाहे एशियन कुश्ती चैंपियनशिप हो या फिर राष्ट्रमंडल खेल, उन्होंने कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते. लेकिन उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन तब आया जब 2008 में बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम दुनिया में रोशन किया. इसके अलावा 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में सुशील कुमार ने गोल्ड मेडल जीता था.

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इसके बाद सुशील ने पलटकर नहीं देखा और वो कामयाबी की बुलंदियों पर सवार होकर आगे बढ़ने लगे. साल 2012 में एक बार फिर ओलंपिक खेलों में भारत की तरफ से सुशील कुमार को भेजा गया और यहां भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.

विवादों से रहा है नाता

लोगों के सामने भले ही सुशील कुमार की इमेज एक शर्मिले और कम बोलने वाले इंटरनेशनल पहलवान की थी, लेकिन विवादों से सुशील कुमार का पुराना नाता रहा है. 2016 में जब पहलवान नरसिंह का नाम भारत की तरफ से प्रस्तावित हुआ तो सुशील कुमार ने इसका विरोध किया था. वो इस फैसले के खिलाफ कोर्ट तक चले गए थे. जबकि युवा पहलवान नरसिंह की तैयारी सुशील से बेहतर और लंबे समय से चल रही थी. इसके बाद सुशील की नरसिंह के साथ रंजिश बढ़ गई थी.

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इसी साल रेसलर नरसिंह यादव डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए. बताया गया कि उन्होंने ज्यादा ताकत के लिए दवाओं का सेवन किया है. जबकि नरसिंह का कहना था कि किसी ने उनके खाने में कुछ मिला दिया था. इस घटना के बाद नरसिंह पर 4 साल का बैन लगा दिया गया. इस मामले में एक शख्स की पहचान भी हुई थी. साथ ही सुशील कुमार का नाम भी इसमें जोड़ा गया था.

इसके अलावा सुशील कुमार के खिलाफ भारतीय रेसलर प्रवीण राणा के साथ मारपीट को लेकर भी दिल्ली में मामला दर्ज हुआ था. बताया गया कि सुशील कुमार ने उनके खिलाफ रिंग में उतरने को लेकर प्रवीण राणा और उसके भाई के साथ मारपीट की थी.

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सागर धनखड़ मामले ने बिगाड़ दिया ‘खेल’

मई 2021 में सागर धनखड़ के साथ मापरपीट और उसे अपनी ताकत का एहसास कराना सुशील कुमार को भारी पड़ गया. साथ ही उनकी इस जिद ने सागर की जान ले ली.

अब आपको बताते हैं कि इस मामले की शुरुआत कैसे हुई. पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सागर और सुशील के बीच ये टकराव एक फ्लैट के किराए के कारण ज्यादा बढ़ गया. दिल्ली के मॉडल टाउन में डी-10/6 फ्लैट सुशील कुमार का था, जिसमें सागर धनखड़ रहता था. लेकिन उसने कुछ महीने से किराया नहीं चुकाया तो सुशील के साथ बहस हो गई.

4 मई की रात करीब 11 बजे सुशील कुमार अपने कुछ साथियों के साथ यहीं पहुंचा. बताया गया कि इस दौरान सुशील कुमार ने कुछ लोगों को फ्लैट में भेजा और सागर समेत उसके साथियों को कार में बैठने को कहा. यहां से सभी लोग छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे. इस स्टेडियम में सुशील कुमार और उनके कोच और ससुर सतपाल का काफी दबदबा माना जाता है.

सूत्रों के मुताबिक यहां जब बहस शुरू हुई तो, सुशील कुमार और उसके साथियों ने सागर धनखड़ को मारना शुरू कर दिया. इस दौरान सागर के सिर पर कुछ चीजों से भी वार किया गया. जिसके चलते सागर गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस को सूचना मिलते ही वो मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक सुशील और उसके साथ फरार हो चुके थे. लेकिन इस दौरान पुलिस को वहां खड़ी एक कार में बंदूकें और कारतूस मिले. जिसके बाद मामले के तार दिल्ली और हरियाणा के गैंगस्टरों तक पहुंच गए.

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नीरज बवाना और जठेड़ी का कनेक्शन

छत्रसाल स्टेडियम में खड़ी स्कॉर्पियो और उसमें रखे हथियारों के तार सीधे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद नीरज बवानिया गैंग से जुड़े. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बवानिया के गुर्गे मोहित और उसके साथी इस घटना में शामिल हो सकते हैं. मारपीट करने वालों में सुशील कुमार के साथ बवानिया के गुंडे थे.

साथ ही दिल्ली-हरियाणा के एक और बड़े गैंगस्टर का नाम भी इस मामले से जुड़ रहा है. बताया गया कि रंगदारी को लेकर संदीप उर्फ काला जठेड़ी गैंग और सुशील कुमार ने कुछ वक्त तक हाथ मिलाया था, लेकिन बाद में कुछ विवाद के चलते दोनों अलग हो गए. कई सालों से फरार चल रहे जठेड़ी के एक गुर्गे को भी सुशील कुमार ने सागर के साथ पीट दिया. जिसके बाद काला जठेड़ी सुशील के पीछे पड़ गया, सूत्रों के मुताबिक सुशील कुमार पिछले कई दिनों से पुलिस के अलावा जठेड़ी के गुर्गों से भी बचता फिर रहा था.

दिल्ली पुलिस की कई टीमें सुशील कुमार की तलाश कर रही थीं, जिसके बाद आखिरकार उसे 23 मई को गिरफ्तार कर लिया गया. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि मुंडका इलाके से सुशील की गिरफ्तारी हुई है. हालांकि कुछ क्राइम रिपोर्टर्स का कहना है कि ये एक सरेंडर था. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले के पीछे का सिंडिकेट पता लगाने की कोशिश कर रही है.

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